बिहार

नये शिक्षकों के आने से बढ़ गये विवि में प्रोजेक्ट, एक शिक्षक केले में बीमारी पर कर रहे काम

Admin Delhi 1
31 March 2023 9:31 AM GMT
नये शिक्षकों के आने से बढ़ गये विवि में प्रोजेक्ट, एक शिक्षक केले में बीमारी पर कर रहे काम
x

भागलपुर न्यूज़: टीएमबीयू में वर्षों बाद एक बार फिर से विभिन्न तरह के प्रोजेक्ट मिलने लगे हैं. ये प्रोजेक्ट नये शिक्षकों ने प्राप्त किये हैं. इससे न सिर्फ विवि का नाम होगा बल्कि नैक मूल्यांकन में भी विवि को फायदा मिलेगा. प्रोजेक्ट लाने की परंपरा बढ़ाने को लेकर एक सकारात्मक मार्ग प्रशस्त हुआ है.

बीएन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित किशोर ने कहा कि वह केले पर लगने वाले फंगस (कवक) कोलिटोट्राइकम से बचाव को लेकर प्रोजेक्ट कर रहे हैं. इस बीमारी से केला का उत्पादन प्रभावित होता है. 10 लाख रुपये का यह प्रोजेक्ट दो साल के लिए मिला है. 2017 में सहायक प्राध्यापक के रूप में आईं टीएनबी कॉलेज की डॉ. गरिमा त्रिपाठी ने 2019 से दो साल तक छोटे मॉलिक्यूल्स पर काम किया. जो एंट्रीबैक्टीरियरल दवाई को बनाने में सहायक हो. 10 लाख का यह प्रोजेक्ट यूजीसी का स्टार्टअप था. इसके अलावा एंथ्रापोलॉजी की सहायक प्राध्यापिका डॉ. सोनल पांडे को भी पर्यावरण से संबंधित आईसीएसएसआर का प्रोजेक्ट मिला है. वह पर्यावरण व हिन्दी से जोड़कर एक विषय पर बने प्रोजेक्ट पर काम करेंगी. एक साल के इस प्रोजेक्ट के लिये करीब पांच लाख मिलना है. वह पहले एक निजी विश्वविद्यालय में प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं. उन्होंने पीएचडी आईआईटी खड़गपुर से की है.

पहले सबके पास प्रोजेक्ट होता था: पूर्व डीन डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि 1992 के बाद कोई प्रोजेक्ट नहीं आया. 2008 में डॉ. इकबाल अहमद के पास एक प्रोजेक्ट आया था. इसके बाद एक प्रोजेक्ट इसरो से भी आया था जो वापस चला गया. कहा कि टीएमबीयू के डॉ. दत्ता मुंशी व डॉ. बिलग्रामी का फंडिंग एजेंसी पर भी पकड़ थी. कहा प्रोजेक्ट तभी मिलेता है जब लोग तकनीकि रूप से दक्ष होंगे.

Next Story