पटना: नए बिजली कनेक्शन वाले घरेलू उपभोक्ता सालभर के पहले बिजली का लोड कम नहीं करा सकेंगे. बिजली टैरिफ के इस प्रावधान से अनजान कई उपभोक्ताओं ने गर्मी के समय बिजली का लोड बढ़वा लिया लेकिन अब कम करना चाहते हैं तो यह नियम आड़े आ रहा है. हालांकि लोड बढ़वाने में कोई समस्या नहीं है. वहीं व्यावसायिक कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के लिए यह प्रावधान दो साल के लिए लागू है.
इस साल गर्मी इतनी पड़ी कि शहर में नए कनेक्शन वाले उपभोक्ता धड़ल्ले से एसी लगा लिए. कनेक्शन लेने के समय लोड दो किलोवाट का लिए और बिजली की खपत पांच किलोवाट तक होने लगी. एसी लगने के बाद खपत बढ़ी तो तीन किलोवाट लोड बढ़वाना पड़ गया. जुलाई महीने तक लोड के अनुसार खपत हुई, लेकिन अब मौसम बदला तो यह लोड कम हो गया. उपभोक्ता अब पूर्व के स्वीकृत लोड को कम करवाना चाह रहे हैं. ऐसे में उपभोक्ताओं को दो किलोवाट बिजली की खपत हो रही और पांच किलोवाट का पैसा देना पड़ रहा है. हर माह दो से तीन हजार लोग नए कनेक्शन लेते हैं. जनवरी से अप्रैल के बीच दस हजार से अधिक लोग कनेक्शन लिए हैं. ये कम किलोवाट पर कनेक्शन लिए और बाद में लोड बढ़वाना पड़ गया.
अस्सी रुपये प्रति किलोवाट लगता है शुल्क
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 80 रुपये प्रति किलोवाट शुल्क तय है. व्यावसायिक के लिए 300 रुपये प्रति किलोवाट शुल्क है. यह फिक्स चार्ज के रूप में कटता है. उपभोक्ता बिजली का उपभोग स्वीकृत लोड के अनुसार उपभोग करें या कम करें पैसा स्वीकृत लोड का देना पड़ता है. इससे उपभोक्ताओं का बिजली बिल अधिक आ रहा है. यह जेब पर भारी पड़ रहा है.
स्वीकृत लोड से अधिक खपत पर दोगुना जुर्माना का प्रावधान है. स्वीकृत लोड दो किलोवाट है. उपभोग तीन किलोवाट हो गया. ऐसे में 80 रुपये प्रति किलोवाट शुल्क के अनुसार स्वीकृत लोड का शुल्क 160 रुपये दो किलोवाट का लगेगा और इसके अलवा एक किलोवाट अधिक उपभोग होने का दोगुना प्रति किलोवाट शुल्क 160 रुपये लगेगा. यानी 320 देना पड़ेगा.