बिहार

कौन है अनिल हेगड़े? जिन्होंने राज्यसभा चुनाव के लिए किया नामांकन, एनडीए उम्मीदवार के बारे में जानें सबकुछ

Renuka Sahu
20 May 2022 3:28 AM GMT
Who is Anil Hegde? Who did nomination for Rajya Sabha elections, know everything about NDA candidate
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फाइल फोटो 

राज्यसभा की एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अनिल प्रसाद हेगड़े ने एनडीए उम्मीदवार के रूप में गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन की अखिरी ति

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्यसभा की एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अनिल प्रसाद हेगड़े ने एनडीए उम्मीदवार के रूप में गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन की अखिरी तिथि तक सिर्फ एक ही नामांकन हुआ है। इससे श्री हेगड़े का राज्यसभा जाना तय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी की उपस्थिति में उन्होंने विधानसभा के सचिव कक्ष में नामांकन किया।

नामांकन पत्र की जांच शुक्रवार को होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 23 मई है। इसी दिन श्री हेगड़े को प्रमाणपत्र दे दिया जाएगा। नामांकन के समय जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी, राज्य सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, शाहनवाज हुसैन, मंगल पांडेय, श्रवण कुमार, संजय कुमार झा, अशोक चौधरी, प्रमोद कुमार, लेशीसिंह, शीला कुमारी, जमा खान, सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी आदि उपस्थित थे।
पार्टी के स्थापना काल से साथ हैं
अनिल हेगड़े पार्टी की स्थापना काल से ही निरंतर साथ हैं। जदयू के पहले वे जनता पार्टी, जनता दल और समता पार्टी में भी थे। हालांकि उन्होंने कभी पार्टी नहीं बदली, बल्कि पार्टी का मर्जर और नाम बदलता रहा। पर, वे शुरू से जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार के साथ रहे। राजनीति में वे 38 वर्षों से सक्रिय हैं। पिछले 12 साल से वे जदयू के प्रदेश कार्यालय में ही रह रहे हैं। अभी वे जदयू के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी हैं।
अनिल हेगड़े के पिता अधिवक्ता थे
अनिल हेगड़े कर्नाटक राज्य के उड्डपी जिले के कलवारा गांव के निवासी हैं। उनके पिता वकील थे। खेती भी करते थे। तीन भाइयों में ये सबसे बड़े हैं। इन्होंने शादी नहीं की है। पूरा जीवन राजनीति और सामाजिक कार्यों में लगाया है। 61 वर्षीय हेगड़े का अपना पता जदयू प्रदेश कार्यालय है। हेगड़े वर्ष 1981 में कर्नाटक के साइंस कॉलेज से भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित और जीवविज्ञान विषय में प्री यूनिवर्सिटी कोर्स किया है।
ना मकान और ना ही कोई वाहन
अनिल हेगड़े के पास हाथ में दस हजार और बैंकों में 37 हजार है। दस लाख का फिक्स डिपॉजिट है। कर्नाटक के उड्डपी जिले के कलवारा गांव में 3.54 एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें परिवार के चार सदस्य साझेदार हैं। ना कहीं मकान है और ना कोई वाहन है। एक ग्राम की एक सोने की रिंग है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में आयकर रिटर्न में एक लाख 89 हजार सालाना आमदनी दर्शाया गया है। नामांकन पत्र के साथ हेगड़े ने अपनी व्यक्तिगत जानकारी के साथ संपत्ति का ब्योरा भी सौंपा है। दीघा विधानसभा क्षेत्र के ये मतदाता हैं।
अनिल हेगड़े बिना व्यक्तिगत ख्वाहिश के पार्टी के लिए कार्य करते रहे : नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अनिल प्रसाद हेगड़े की उम्मीदवारी से सभी लोग प्रसन्न हैं। स्व. जॉर्ज फर्नांडिस साहब के साथ ये बचपन से काम करते रहे हैं। इन्होंने कभी किसी चीज के लिए इच्छा प्रकट नहीं की। सब दिन पार्टी के लिए काम करते रहे। कोई व्यक्तिगत ख्वाहिश नहीं रखते हुए पार्टी के लिए निरंतर कार्य करते रहे। राज्यसभा के उपचुनाव के लिए जदयू नेता हेगड़े के नामांकन के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री विधानसभा परसिर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉर्ज साहब के नेतृत्व में हमलोग काम कर रहे थे, उस समय साथ में ये भी थे। जॉर्ज साहब के नहीं रहने के बाद भी पार्टी के लिए ये हमेशा काम करते रहे। पार्टी के सभी लोगों का मत हुआ कि इन्हें इस बार राज्यसभा के लिए मौका मिलना चाहिए। उसके बाद इन्हें उम्मीदवार बनाया गया। ये लगातार काम करनेवाले व्यक्ति हैं, बहुत अच्छे स्वभाव के हैं। इनके उम्मीदवार बनने पर सभी लोगों का सहयोग और समर्थन मिला है, यह खुशी की बात है।
चार सेट में नामांकन किया
अनिल हेगड़े ने चार सेट में नामांकन किया। एनडीए के 40 मंत्री-विधायक प्रस्तावक बने। एक सेट में सभी दस भाजपा के नेता थे, जिनमें एक उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी थे। वहीं, अन्य सेट में जदयू के साथ हम के विधायक भी थे।
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