
पांच साल के प्रेम संबंध के बाद जब नौकरी लगी तो प्रेम में साथ जीने मरने की कसमें खाने वाला प्रेमी शादी से मुकर गया. फिर क्या था पहले तो प्रेमिका ने आरजू-मिन्नत की लेकिन बात नहीं बनी तो सीधे पुलिस की मदद ली और उसी जिले के एसपी के पास जा पहुंची जिस जिले में उसके प्रेमी की नौकरी पुलिस विभाग में लगी है. मामला प्रेम-प्रसंग और पुलिस विभाग का था तो बात एसपी तक जाते देर नहीं लगी फिर क्या था एसपी साहब ने अपने कांस्टेबल को सख्त रूप अपनाते हुए प्रेमिका को स्वीकार करने का आदेश दिया जिसके बाद कोर्ट और मंदिर में शादी हुई. है.
प्रेम प्रसंग का ये मामला बिहार के बांका जिला से जुड़ा है. बांका पुलिस लाइन में तैनात जवान मिथलेश पासवान का पिछले पांच वर्षों से मुंगेर की कलरामपुर की करिश्मा से प्रेम-प्रसंग चल रहा था लेकिन नौकरी के बाद जब प्रेमिका ने मिथिलेश से शादी करने को कहा तो वो पिछले एक वर्ष से टाल मटोल कर रहा था वहीं प्रेमिका शादी करने की जिद्द पर अड़ी रही. बात नहीं बनता देख करिश्मा अपने परिजनों के साथ बांका एसपी के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंची और सात फेरे लेने में सफल रही.
एसपी डॉक्टर सत्य प्रकाश को जवान की प्रेम प्रसंग का मामला सामने आने पर दोनों पक्ष की जानकारी ली गई जिसके बाद जवान को सख्त लहजे में चेताया गया कि प्रेम करने के बाद या तो शादी करनी होगी नहीं तो जेल जाना पड़ेगा. सख्ती के बाद जवान को अंततः शादी के लिये तैयार होना पड़ा और बाद में बांका के थाना प्रभारी सुजीत वारसी और दोनों परिवार की मोजूदगी में पहले व्यवहार न्यायालय में कोर्ट मैरिज और बाद में बांका पुलिस की मौजूदगी में शादी सम्पन्न हुई.
शादी के बाद करिश्मा के पिता साजन कुमार और पूनम देवी खुशी जताते दिखे थे. करिश्मा के पिता साजन कुमार की मानें तो मिथलेश का घर महेशी है और करिश्मा की मौसी भी वहीं की रहने वाली है, जहां करिश्मा का आना-जाना होता था. इसी दौरान दोनों एक दूसरे के करीब आये थे. पुलिस भी अपनी मौजूदगी में हुई आदर्श शादी पर खुशी जता रही है.
इस बाबत एसपी डॉ0 सत्य प्रकाश ने बताया कि प्रेम-प्रसंग के मामले को लेकर युवती और परिजनों की शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच डीएसपी मुख्यालय द्वारा करवायी गयी थी, जिसमें प्रेम प्रसंग का मामला सही पाया गया. बाद में युवती की जिद के आगे दोनों के परिजन तैयार हुए और शादी कराई गई.