बिहार

उत्तर बिहार में मखाना पर मौसम की मार, तालाब और खेत सूखे

Admin Delhi 1
24 April 2023 10:30 AM GMT
उत्तर बिहार में मखाना पर मौसम की मार, तालाब और खेत सूखे
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पटना न्यूज़: उत्तर बिहार में मखाना की फसल पर मौसम की मार पड़ रही है. मखाना लगे तालाब व गहरे खेत सूखने लगे हैं. अगर शीघ्र बारिश नहीं हुई तो मखाना उत्पादक किसान औंधे मुंह गिरेंगे. हालत यह है कि लोन लेकर मखाना लगाने वाले किसानों को अभी से ही इसे चुकाने की चिंता सताने लगी है. मधुबनी में करीब 4400 और दरभंगा में करीब पांच हजार हेक्टेयर तालाब व खेतों में मखाना की फसल लगाई गई है लेकिन कम बारिश से ये सूखने लगे हैं. कोसी व सीमांचल में स्थिति थोड़ी अच्छी है.

मधुबनी के मखाना उत्पादक किसान विक्रम मुखिया, संतोष मुखिया आदि ने बताया कि मखाना लगे अधिकतर तालाब और गहरे खेतों में एक फीट से भी कम पानी बचा है. मंगल मुखिया ने बताया कि अगर बारिश नहीं हुई तो फसल खराब हो जाएगी. मखाना अनुसंधान के केंद्र के प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि अभी मखाना की फसल में फूल लगने का समय है. ऐसे में खेत में कम से कम एक फीट पानी निश्चित रूप से होना चाहिए. कम पानी होने पर खेत में पानी डालने की जरूरत पड़ेगी जो किसानों के लिए घाटे का सौदा होगा. ऐसी स्थिति से बचने के लिए किसान अप्रैल-मई में मखाना की फसल लगाएं.

एक हेक्टेयर मखाना लगाने में 96 हजार खर्च

एक हेक्टेयर मखाना की खेती पर करीब 96 हजार रुपये लागत लगती है. इस तरह कुल लागत का करीब 75 प्रतिशत यानी 72 हजार रुपये अनुदान मिलता है. मखाना उत्पादन करने वाले विक्रम मुखिया ने बताया कि एक हेक्टेयर खेत में करीब 25 से 30 किवंटल तक मखाना का उत्पादन होता है.

जिले में करीब 44 सौ हेक्टेयर में मखाना की फसल लगी है. इनमें से 300 हेक्टेयर में किसानों ने पहली बार गहरे खेतों में मखाना लगाया है. शीघ्र मखाना का निरीक्षण कर अनुदान खाते में भेजा जाएगा, ताकि फसल को बचाने में अनुदान की राशि काम आ सके.

- राकेश कुमार, सहायक निदेशक, उद्यान

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