बिहार

जल संकट: बारिश नहीं होने से मार्च में ही सूखने लगी नदियां

Admin Delhi 1
14 March 2023 10:29 AM GMT
जल संकट: बारिश नहीं होने से मार्च में ही सूखने लगी नदियां
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दरभंगा न्यूज़: पिछले छह महीने से अधिक समय से बारिश नहीं होने के कारण इस साल चैत में ही अधिकतर नदियां सूखने के कगार पर पहुंच गई हैं. नदियों में दो-तीन फीट ही पानी बचा हुआ है जबकि पिछले साल मार्च महीने में नदियों में पांच से सात फुट पानी था. अधिकतर जगहों पर नदियों में जलकुंभी उग आयी है.

अधवारा समूह की बुढ़नद, खिरोई, कमला व दरभंगा शहर के पास से गुजर रही बागमती नदी में भी पानी समाप्त होने की ओर है. इसके साथ ही गांव के तालाबों का जलस्तर भी दिनोंदिन तेजी से घट रहा है. अतरबेल-जाले पथ किनारे स्थित प्रसिद्ध सुखाई पोखर पूरी तरह सूख गया है. ग्रामीणों ने बताया कि माघ में बारिश नहीं होने के कारण रबी के साथ आम एवं लीची की फसल प्रभावित हुई है. जलस्तर धीरे-धीरे नीचे गिरने के कारण पेयजल की समस्या विकराल होने की आशंका बढ़ रही है. हरपुर के किसान महेश दुबे, सढवाड़ा के राजेश चौधरी आदि ने बताया कि अधवारा समूह की इन नदियों में बागमती नदी से पानी आता रहा है. इस वर्ष मुजफ्फरपुर के बेनीबाद से हरपुर, लदौर होते हुए बिशनपुर से निकलने वाली मुख्य बागमती नदी में भी पानी सूखने के कगार पर है.

अधिकतर नदियों में बिना कपड़ा भिंगाए ही बच्चे इस पार से उस पार तक आ-जा रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो यही स्थिति रहने पर वैशाख एवं जेठ माह में नदियों एवं तालाबों में पानी का दर्शन दुर्लभ हो सकता है. मालूम हो कि जलस्तर गिरने से कई गांवों में चापाकलों से पानी आना बंद हो जाता है. अधिकतर पंचायतों में पेयजल के लिए लगायी गयी जल-नल योजना का जल लोगों को जलापूर्ति करने में अक्षम साबित हो रहा है. सुरेंद्र राम, महेंद्र पासवान, सिकंदर दास, सत्तार जट्ट, मिथिलेश झा आदि ग्रामीणों ने बताया कि गांव-गांव में लगाए गए अधिकतर चापाकल भी खराब पड़े हुए हैं. इनकी मरम्मत वर्षों से नहीं हो पा रही है.

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