तीन वर्ष बाद भी सिंचाई के लिए खेतों में नहीं पहुंच पाया पानी
मुंगेर न्यूज़: हर खेत को पानी, योजना को लागू हुए तीन साल बीतने को है, परंतु अभी तक खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया है. इससे किसानों को निराशा हाथ लगी है. सरकार ने हर खेत को पानी उपलब्ध कराने की यह योजना 2020 में बनाई. मकसद था कि किसानों को सिंचाई की समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाकर उनकी आय को बढ़ाना.
कार्य तेजी से हो इसके लिए सरकार ने खेत तक पानी पहुंचाने वाली इस योजना को निश्चय टू में शामिल किया था. इस संबंध में लघु सिचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता तारापुर सह इस योजना के नोडल पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 3 स्कीम का टेंडर निकाला गया है जिसमें गोविंदपुर कारी घाटी तथा मुहाने नदी में बारिश के पानी को संचय कर खेतों की सिंचाई के लिए व्यवस्था की जाएगी . सर्वे के दौरान तकनीकी टीम को देखना था कि पानी खेत तक कैसे पहुंचाया जाए. यदि किसी जगह आहर, पाइन का विकल्प संभव नहीं है तो वहां बिजली पहुंचाकर नलकूप लगाने की व्यवस्था की जानी थी. जो भी विकल्प सही होता उसका प्राक्कलन इंजीनियर को तैयार करना था. कृषि विभाग द्वारा किए गए प्लाट टू प्लाट सर्वे में जिले के पठारी क्षेत्र के योग्य जमीन असिंचिंत पाई गई, इस तरह 106548.86 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई की व्यवस्था किए जाने का सर्वे रिपोर्ट दिया था. जिसमें कई किसानों ने बोरवेल तो कई किसानों ने बिजली चालित सिंचाई की मांग की थी. ऐसे भी किसान थे जिन्होंने माइनर बना देने पर नहर से सिंचाई का भी विकल्प विभाग को दिया था. फिलहाल किसानों की चाहत खेतों में नहीं उतर पाई है.