बिहार
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के ठिकानों पर विजिलेंस छापे
Manish Sahu
30 Aug 2023 6:42 PM GMT
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बिहार: पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बेटे के शंकरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में छापेमारी की। इस दौरान विजिलेंस टीम ने मेडिकल कॉलेज में रखे सरकारी जेनरेटर को जब्त कर उसे सहसपुर थाने में जमा कर दिया। विजिलेंस की इस कार्रवाई के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी पुत्र वधू मौके पर ही मौजूद रहीं।
बुधवार को सुबह ठीक दस बजे विजिलेंस की टीम पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी के नेतृत्व में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के मेडिकल कॉलेज में छापेमारी शुरू की। इस दौरान विजिलेंस विभाग की टीम ने सबसे पहेल मेडिकल कॉलेज में रखे गये 180 किलोवाट के जेनरेटर को कब्जे में ले लिया, जिसे क्रेन से उठाकर एक ट्रैक्टर ट्राली में रखकर सहसपुर थाने में पुलिस के हवाले किया गया।
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत के वन मंत्री कार्यकाल में उक्त जेनरेटर पोखरो रेंज के लिए खरीदा गया था। जिसे तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के शंकरपुर स्थित उनके बेटे के मेडिकल कॉलेज में रखा गया। पोखरो रेंज प्रकरण में कोर्ट में चल रहे मामले के दौरान कोर्ट के निर्देश पर विजिलेंस ने यह कार्रवाई की।
इस दौरान विजिलेंस ने जेनरेटर से सबंधित तमाम दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। इस दौरान कुछ दस्तावेजों को विजिलेंस की टीम ने अपने में कब्जे में ले लिया। विजिलेंस विभाग की टीम की इस कार्रवाई के दौरान मेडिकल कॉलेज के उस कक्ष में जहां विजिलेंस जांच पड़ताल कर रही थी, वहां पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी पुत्र वधू अनुकृति गुसांई मौजूद रहीं।
मेडिकल कॉलेज से जब्त किया गया जेनरेटर काफी पावर फुल है, जिसकी क्षमता करीब 180 किलोवाट है। विद्युत आपूर्ति बंद होने के दौरान पूरे मेडिकल कॉलेज के लिए इस जेनरेटर से बिजली की सप्लाई की जाती थी। बिजली आपूर्ति बंद रहने के दशा में कई घंटों तक सप्लाई जारी रहती थी, जिससे कालेज में बिजली आपूर्ति से प्रभावित होने वाले कार्य प्रभावित न हो सकें।
शंकरपुर मेडिकल कॉलेज में पांच घंटे तक चली विजिलेंस की कार्रवाई
शंकरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में विजिलेंस विभाग की कार्रवाई सुबह दस बजे से अपरान्ह करीब तीन बजे तक चली। यानी पांच घंटे तक विजिलेंस टीम मेडिकल कॉलेज में डटी रही और कई दस्तावेजों को खंगालती रही। छापेमारी कीसूचना मिलते ही हरक सिंह रावत अपनी पुत्र बधु अनुकृति गुसाईं के साथ ठीक एक बजे मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वे सीधे उसी कक्ष में पहुंच गये, जहां विजिलेंस विभाग की टीम कार्रवाई कर रही थी। विजिलेंस टीम की कार्रवाई के दौरान हरक सिंह रावत कक्ष में एक तरफ लगे सोफे में चुपचाप बैठकर विजिलेंस टीम की कार्रवाई को देखते रहे।
सोच में डूबे रहे हरक सिंह
विजिलेंस कार्रवाई के दौरान हरक सिंह रावत कार्यालय में सोच में डूबे नजर आये। इस दौरान ऐसा लग रहा था कि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत किसी गहरी चिंता में डूबे हैं। चुपचाप खामोशी से बैठे हरक सिंह रावत एक बजे से लेकर तीन बजे जब विजिलेंस विभाग की टीम जेनरेटर को सहसपुर थाने भेज रही थी। तब तक पूरी कार्रवाई को देखते रहे।
तीन बजे जेनरेटर को थाने भेजने के बाद जब विजिलेंस विभाग की टीम मेडिकल कॉलेज से बाहर निकली, तब भी हरक सिंह रावत कॉलेज में ही बैठे रहे। विजिलेंस टीम के वापस लौट जाने के करीब पंद्रह मिनट बाद हरक सिंह रावत अपनी पुत्र वधू अनुकृति गुसांई के साथ देहरादून के लिए कार में बैठकर रवाना हुए।
क्या कहते हैं हरक सिंह रावत
पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि जब वे वन मंत्री थे, उन्होंने विभाग के लिए कुछ जेनरेटर खरीदने के निर्देश दिए थे, जिनमें एक जेनरेटर उनके सरकारी आवास में लगना था। तभी कोविड का प्रकोप फैल गया, जिसमें तत्कालीन डीएम ने उनसे कहा कि कोविड अधिक फैल रहा है।
शंकरपुर मेडिकल कॉलेज में भी कोविड सेंटर खोला जाना है। जिस पर तत्कालीन डीएफओ ने उनके आवास पर लगने वाले जेनरेटर को कोविड सेंटर के लिए उनके बेटे के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया। कहा कि उन्होंने उक्त जेनरेटर को वापस लेने के लिए वन विभाग को पहले भी लिख कर दे दिया था।
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