x
पटना (आईएएनएस)। बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गुरुवार को कहा कि हमारी परंपरा और आध्यात्मिकता तथा वर्तमान आधुनिकता के बीच समन्वय स्थापित करते हुए वैदिक ऋचाओं के भावों को आज के परिपेक्ष में सहज एवं सरल ढंग से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, जिससे सभी लोग इन्हें आसानी से समझ सकें।
उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा में वेदाध्ययन को शामिल किया जाना चाहिए।
राज्यपाल आर्लेकर ने महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन एवं महावीर मंदिर, पटना के संयुक्त तत्वावधान में पटना में आयोजित त्रिदिवसीय वैदिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मैक्समूलर सहित अनेक विदेशी विद्वानों ने वेदों की व्याख्या अपने तरीके से की और इसमें उनका हित निहित था।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि वैदिक ऋचाओं के भावों को युवा पीढ़ी के सामने आज के संदर्भ में सहज एवं सरल ढंग से रखा जाए।
उन्होंने देश में समरसता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसका भाव वेदों से ही आता है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की आत्मा आध्यात्मिकता में निहित है तथा हजारों वर्षों से हमने इसे संजोया है। सबके प्रयासों से इस विषय को आगे लेकर बढ़ने से ही हम भारत को विश्व गुरु बना सकेंगे।
कार्यक्रम को श्री महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव किशोर कुणाल तथा महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के उपाध्यक्ष डॉ. प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर अनेक वैदिक विद्वान, वेदपाठी आचार्य व विद्यार्थीगण, गणमान्य व्यक्ति एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
Tagsबच्चों की शिक्षावेदाध्ययनबिहार के राज्यपालEducation of childrenstudy of VedasGovernor of Biharताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़हिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारTaza SamacharBreaking NewsJanta Se RishtaJanta Se Rishta NewsLatest NewsHindi NewsToday's NewsNew News
Rani Sahu
Next Story