बिहार

जिले मे यूरिया का संकट बरकरार,किसान दर दर भटकने को मजबूर

Shantanu Roy
5 Aug 2022 9:30 AM GMT
जिले मे यूरिया का संकट बरकरार,किसान दर दर भटकने को मजबूर
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मोतिहारी। जिले में यूरिया की किल्लत बरकरार है।ज्योही बारिश हो रही है त्योही किसानों की भारी भीड़ खाद दुकानों पर उमड़ने लग रही है लेकिन लंबे इंतजार के बाद यूरिया न मिलने से निराश होकर किसान वापस लौट रहे है।सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों को हो रही है जिनका किसान निबंधन नहीं हुआ है, क्योंकि यूरिया के लिए कृषि विभाग ने किसान निबंधन के साथ ही आधार कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया है।एक अनुमान के अनुसार जिले में लगभग एक लाख किसान अब तक निबंधन से वंचित है।ऐसे में इन किसानों को यूरिया मिल पाना मुश्किल होता दिख रहा है। बताते चले कि कृषि विभाग ने एक किसान निबंधन पर महज एक बोरा यूरिया देने का प्रावधान किया है।ऐसे उन किसानो को काफी परेशानी हो रही है जिन्होने चार से पांच एकड़ धान के साथ गन्ना व अन्य फसल की खेती किये है।ऐसे मे किसान एक दुकान से दुसरे दूकान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है। जिले के कई प्रखंडों मे रोज-रोज यूरिया के लिए हंगामा हो रहा है।

जिले के बंजरिया,कोटवा,पहाड़पुर,हरसिद्धि,चिरैया,घोड़ासहन ढाका,पताही,पकड़ीदयाल सहित जिले के स्थापित 27 प्रखंडो मे यही हालात बनी हुई है।सुबह से लेकर शाम तक खाद दुकानों पर महिला-पुरूष किसान घंटो लाईन मे खड़े होने के बाद निराश होकर वापस लौट रहे है।वही कई क्षेत्रो मे यूरिया के निर्धारित दर 266 के बदले पांच से छह सौ बोरी बेचने की भी जानकारी मिल रही है।बताते चले कि जिले में धान की खेती लगभग 1 लाख 83 हजार हेक्टेयर में की गई है वही मक्का की खेती लगभग 12 हजार हेक्टेयर में हुई है। वही गन्ना की खेती लगभग 21 हजार एकड़ मे की गई है।जिसके लिए जिला कृषि विभाग ने 51 हजार मीट्रिक टन यूरिया खपत का अनुमान लगाया है। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले में अब तक मात्र 30 हजार 600 मीट्रिक टन यूरिया ही आवंटित किये गये है।जिले में इफको बाजार को छोड़ लगभग 1600 लाइसेंसधारी खाद विक्रेता है।जिसमे ज्यादातर आवंटन का ही रोना रो रहे है।
Shantanu Roy

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