
एक बार फिर से आदित्य सचदेवा मर्डर केस चर्चा में हैं। इस मामले में आरोपी जदयू की तत्कालीन एमएलसी मनोरमा देवी और दिवंगत राजद नेता बिंदी यादव के बेटे राकेश रंजन यादव उर्फ़ रॉकी समेत 3 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद तीनों के परिजनों ने इस फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटया था। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और साक्ष्यों के अभाव और संदेह का लाभ देते हुए गुरुवार को आरोपों से बरी कर दिया गया।
संदेह का लाभ देते हुए तीनों आरोपियों को बरी किया गया
जस्टिस एएम बदर व जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने राकेश रंजन यादव उर्फ़ रॉकी व अन्य द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करने के बाद ये आदेश दिया। कोर्ट का कहना है कि बिहार सरकार और पुलिस ये साबित करने में विफल रही है कि इन तीनों आरोपियों ने ही आदित्य की हत्या की है। इसलिए संदेह का लाभ देते हुए तीनों आरोपियों को बरी किया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अपीलकर्ताओं द्वारा यदि कोई हर्जाना दिया गया हो, तो उसे वापस किया जाए।
7 साल पहले हुई आदित्य सचदेवा की हत्या
दरअसल, गया में 7 मई 2016 में को आदित्य सचदेवा (19) स्विफ्ट कार से अपने दोस्तों के साथ बोधगया से गया लौट रहा था। उसके साथ उसके दोस्त नासिर हुसैन, आयुष अग्रवाल, मो. कैफी, अंकित अग्रवाल भी कार में मौजूद थे। आरोप यह था कि जिस रास्ते से यह लोग गुजर रहे थे, उसी रास्ते से तत्कालीन जदयू की एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी की लैंड रोवर गाड़ी भी गुजर रही थी। साइड न मिलने पर रॉकी गुस्सा गया। इसके बाद उसने गाड़ी ओवरटेक कर पुलिस लाइन रोड पर आदित्य को गोली मार दी थी। इस मामले में इसके अलावा मनोरमा देवी का गार्ड राजेश और रॉकी का दोस्त टेनी यादव भी इस मामले में आरोपी था। लेकिन हाई कोर्ट से तीनों को रिहाई मिल गई है।
