बिहार

अज्ञात बदमाशों ने की प्रोफेसरों को पीटा, जांच में जुटी पुलिस

Shantanu Roy
4 July 2022 12:22 PM GMT
अज्ञात बदमाशों ने की प्रोफेसरों को पीटा, जांच में जुटी पुलिस
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नवादा। थाना क्षेत्र के जैन कॉलेज में असामाजिक तत्व द्वारा धरना पर बैठेने जा रहे तीन प्रोफेसरों की लाठी–डंडे और फाइटर से पिटाई कर दी गई। इससे तीनों जख्मी हो गए है। जिसके बाद उनका इलाज आरा सदर अस्पताल में कराया गया। जख्मियो में औरंगाबाद जिला के मदनपुर थाना क्षेत्र के पलकिया गांव निवासी मो.शकूर अंसारी के 54 वर्षीय पुत्र डॉ. नजीर अख्तर है। वह वर्तमान में पटना जिला के फुलवारी थाना क्षेत्र के फुलवारी हारन कॉलोनी में अपना मकान बनाकर रहते है।

जैन कॉलेज में भूगोल विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। दूसरे जख्मी बक्सर जिला के राजपुर थाना क्षेत्र के राजापुर गांव निवासी शोभनाथ चौबे के 38 वर्षीय पुत्र संजय कुमार चौबे है। वह वर्तमान में नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर में अपना मकान बनाकर रहते है एवं जैन कॉलेज में संस्कृत विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। जबकि तीसरे जख्मी पटना जिला के दानापुर थाना क्षेत्र के दानापुर निवासी सुरेश प्रसाद मिश्रा के 46 वर्षीय पुत्र डॉ.अजय कुमार एवं वह भी जैन कॉलेज में ही कंप्यूटर एवं साइंस विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

इधर प्रोफेसर डॉ.नजीर अख्तर ने बताया कि जैन कॉलेज में जब से प्रभारी प्रिंसिपल नरेंद्र सिंह आए हैं उनके रवैया तानाशाही है। वह सभी प्रोफेसरों के एवं अन्य कर्मचारियों के साथ अपना तानाशाही रवैया दिखाते हुए किसी का वेतन काट ले रहे हैं, तो किसी को छुट्टी नहीं दे रहे है एवं कई कर्मचारियों व प्रोफेसरों के कई महीनों के वेतन भी बताये है। जिन्हें देखते हुए उनके तानाशाही रवैया के खिलाफ सोमवार को के प्रभारी प्रिंसिपल के विरोध में जैन कॉलेज कैंपस में एक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया था।
तभी वहां कुछ असामाजिक तत्व आ गए और उन लोगों से दुर्व्यवहार करने लगे। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उक्त असामाजिक तत्वों द्वारा तीनों प्रोफेसरों की पिटाई कर दी गई। जिससे तीनों जख्मी हो गए। जिसके बाद उनका इलाज आरा सदर अस्पताल में कराया गया। वहीं दूसरी ओर जख्मी प्रोफेसर डॉक्टर नजीर अख्तर ने प्रभारी प्रिंसिपल पर ही उनके द्वारा बुलाए गए असामाजिक तत्व व गुर्गो द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया।
प्रिंसिपल नरेंद्र सिंह ने बताया कि कॉलेज का कोई भी प्रोफेसर क्लास नहीं करना चाहता है। बिना आवेदन दिए छुट्टी मनाने चला जाता है। इसके साथ ही जब बायोमेट्रिक में सबकी कॉलेज आने की इंट्री देखी गई तो महीने में मात्र चार दिन ही समय पर कॉलेज आए है। इन्हीं सब बातों को लेकर जब मैंने रोक लगाई है तो प्रिंसिपल तानाशाही रवैया अपना रहा है। जो बिल्कुल गलत है।वहीं इस मामले में जख्मी प्रोफेसरों द्वारा स्थानीय थाना में प्रभारी प्रिंसिपल के खिलाफ लिखित आवेदन भी दिया गया है। हालांकि पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है।
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