बिहार

खिलाड़ियों को खेलने से रोक रहा विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय स्तर पर नहीं भेजा जाता

Admin Delhi 1
8 Feb 2023 7:41 AM GMT
खिलाड़ियों को खेलने से रोक रहा विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय स्तर पर नहीं भेजा जाता
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बक्सर न्यूज़: देश-दुनिया में शिक्षा के इतिहास को लेकर किसी भी तरह की चर्चा होती है, तो उसमें बिहार के ऐतिहासिक शिक्षा व्यवस्था का जिक्र किये बिना नहीं होती है. उसमें नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय का ज़क्रि जरूर होती है, लेकिन उसी बिहार में शिक्षा व्यवस्था दिनों दिन बद से बदतर स्थितियों की ओर बढ़ रही है. बात अगर मगध विश्वविद्यालय की करें तो अपने ही छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर पूरी तरह से विश्वविद्यालय आमादा है. विश्वविद्यालय न तो अपने छात्रों को समय पर रिजल्ट दे रही है और न समय पर परीक्षा ले रही. अब छात्रों को खेलकूद के प्रति भी प्रोत्साहित करने बजाय, खिलाड़ियों को हततोसाहित कर रही है.

विश्वविद्यालय के आदेश में विभिन्न कॉलेजों में खेल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीम का चयन कर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मैच के लिए टीम तैयार कर भेजना था.

असम मेघालय में ईस्ट जोन नेशनल प्रतियोगिता (अंतर विश्वविद्यालय) में हिस्सा लेने के लिए छात्र बेताब हैं. लेकिन मगध यूनिवर्सिटी इन खिलाड़ियों को भेजना ही नहीं चाह रही. खिलाड़ियों को न भेजने के पीछे कारण क्या है. यह तो नहीं मालूम लेकिन बास्केटबॉल के खिलाड़ी रवि भूषण, विवेक कुमार, शेखरकुमार आदि ने बताया कि बॉस्केटबॉल में गया कॉलेज की टीम अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में अव्वल रही. इस प्रतियोगिता के अंतर्गत अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता के लिए टीम चयन हुआ. लेकिन अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में जाने से रोक दिया गया.

वहीं हैंडबॉल की छात्र खिलाड़ियों ने भी बताया कि टीम को मेघालय में आयोजित अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में जाने नहीं दिया गया. इससे खिलाड़ियों में नाराजगी है. जो खिलाड़ी मेघालय पहुंच गए उन्हें भी रोक दिया गया. क्योंकि उनके पास न खुद के चयन का प्रमाण था और न ही यूनिवर्सिटी की ओर से कोई लेटर ही दिया गया था. हद तो तब हुई कि विश्वविद्यालय खुद आयोजक के आपस ईमेल करकेअपने छात्रों को प्रतियोगिता में रोकने को कहा. खिलाड़ियों का मनोबल गिर रहा है. खेल के मैदान यहां के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से हरी किसी को अचंभित कर रहे हैं. दिन-रात मेहनत कर अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटे हैं. लेकिन ये टीम बाहर खेलने से वंचित है. कारण चाहे जो भी हो. पढ़ाई और खेल दोनों में छात्र पिछड़ रहे हैं

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