बिहार

दहमा गांव में बीच-बचाव करने गए चाचा की पीटकर हत्या

Admindelhi1
29 May 2024 6:13 AM GMT
दहमा गांव में बीच-बचाव करने गए चाचा की पीटकर हत्या
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मृतक चाचा 48 वर्षीय मो मुस्ताक बताया गया है

गोपालगंज: थाना क्षेत्र के दहमा गांव में कि देर शाम भूमि विवाद में दो भाईयों के हुई बीच मारपीट में बीच बचाव करने आए चाचा की हत्या कर दी गई. मौके पर पुलिस पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया. मृतक चाचा 48 वर्षीय मो मुस्ताक बताया गया है.

इस मामले में पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतक की पत्नी सहानी खातून के आवेदन पर दोनों पक्षों पर प्राथमिकी दर्ज कर सभी चार नामजद को गिरफ्तार कर लिया है. दिए गए आवेदन में बताया गया है कि दो भाईयों में मो. अरमान उर्फ चांद तथा इमरान उर्फ सितारे के बीच पूर्व से भूमि विवाद चल रहा था. इसी को लेकर दोनों भाई में बात बढ़ते हुए लाठी डंडा से मारपीट होने लगी. मारपीट में बीच बचाव करने आए चाचा मो. मुस्ताक को जमकर पिटाई लग गई जिससे घटना स्थल पर मौत हो गई. लोग नजदीकी अस्पताल सीएचसी बहेड़ी ले गये. जांचोपरांत चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया. इधर, मौके पर पहुंचे जगरनाथपुर पीकेट प्रभारी सहायक अवर निरीक्षक नीतीश कुमार दुबे ने सभी नामजद आरोपी मो. अरमान उर्फ चांद, मो. इमरान उर्फ सितारे, मो अरमान की पत्नी कुलसुम खातून एव माता रौशन खातून को गिरफ्तार कर बिरौल थाना को अग्रेतर कार्रवाई के लिए भेज दिया.

थानाध्यक्ष अमृत लाल वर्मन ने बताया कि आवेदक के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. कागजी प्रक्रिया पूरी कर सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा.

श्रीराम महायज्ञ में पहुंचे श्रद्धालु: प्रखंड क्षेत्र के लोरिक धाम वनडिहुली के श्रीराम महायज्ञ में अगल बगल के दर्जनों गांवों के श्रद्धालु उमड़ पड़े. जिसमें वनडिहुली, ईनाम, राजबाड़ा, मधुवन, बैद्यनाथ पुर, बेलही, पवरा, शेर, बिजुलिया, झरबरिया, बनीमाबांध, सिमरा, अरगा, खोटही, सौंआ, भौरमा, लोहनी, सिहौल आदि गांवों के लोग तन मन धन से सहयोग कर रहे थे. महायज्ञ के चौथे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी. श्रद्धालु यज्ञ मंडप का परिभ्रमण करते हुए देखे गए. लोरीके धाम व आसपास का इलाका भक्तिमय हो गया था. भक्ति भाव के बाद श्रद्धालु राम झूला, डिस्को झूला, रेलगाड़ी झूला, ड्रैगन झूला, मौत का कुआं, जादू का खेल, मीना बाजार आदि का आनंद लेते देखे गए. धूप व अत्यधिक गर्मी के कारण अधिकांश श्रद्धालु शाम ढलने के बाद ही महायज्ञ स्थल पर पहुंचते हैं. लोरिक धाम में छतदार चबूतरा और घर का काफी अभाव है.

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