सदर अस्पताल में समय से मरीजों का नहीं हो पा रहा अल्ट्रासाउंड
मधुबनी न्यूज़: सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों को अब भी अल्ट्रासाउंड के लिए निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जाने की मजबूरी है. ओपीडी में लगे अल्ट्रासाउंड सेंटर में मरीजों का समय पर जांच नहीं होता है. एक दिन में सिर्फ 20 से 25 मरीजों का कही अधिकतर अल्ट्रासाउंड हो पाता है. ऐसे में एक अनुमान के मुताविक हर दिन करीब 50 से अधिक मरीजों को निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में जांच करवाने की मजबूरी है. भी ओपीडी में करीब 600 से अधिक की भीड़ इलाज के लिए पहुंची. इसमें से सबसे अधिक गायनिक वार्ड में करीब 175 मरीज से अधिक पहुंची थी. इनमें से करीब 60 से अधिक गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड लिखा गया. पर दिन के करीब एक बजे तक सिर्फ 18 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड हुआ था. वहां मौजूद एक जीएनएम ने बताया कि अब दो से तीन मरीजों का और अल्ट्रासाउंड होगा. हालांकि अब सप्ताह से छह दिन यहां पर मरीजों को अल्ट्रासाउंड होता है. सूत्रों की माने तो अल्ट्रासाउंड में प्रतिदिन सिर्फ 20 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड हो पाता है. वहां पर मौजूद रजिस्टर से पता चला कि मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए एक महीने बाद तक का भी समय दिया जाता है. जबकि गायनिक में प्रतिदिन 200 से 225 तक गर्भवती महिलाएं पहुंचती हैं. प्रभारी अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि अस्पताल में सुविधाएं धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है. पहले तीन दिन ही अल्ट्रासाउंड हो पाता था, अब पूरे सप्ताह जांच होता है. फिलहाल तीन डॉक्टर को भी अल्ट्रासाउंड में लगाया गया है. एक्सपर्ट डॉक्टर की कमी की वजह से भी इसमें परेशानी होती है.
बाहर से आठ सौ रुपये में होता है अल्ट्रासाउंड
सदर अस्पताल में आने वाली रामरती देवी के परिजन ने बताया कि डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड लिखा. लेकिन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड फुल हो जाने की बात कहकर आगे की तारीख दे दी, पर वे बाहर से 800 रुपये में अल्ट्रासाउंड करवा लिया. वहीं कोतवाली चौक की सुजाता ने बताया कि उनके परिजन का अल्ट्रासाउंड नहीं किया गया, ऐसे में वे बाहर से अपने मरीज का अल्ट्रासाउंड करवाया. उनका कहना था कि जो पैरवी वाले रहते हैं उनका वहां पूर्जा ले लिया जाता है. बाकी के मरीज को आगे की तारीख डालकर अस्पताल प्रशासन पल्ला झाड़ लेता है. इसके कारण मरीजों को परेशानी हो रही है.