बिहार

दो प्रमुख छोटी नदियां सूखने की कगार पर पहुंची

Admindelhi1
14 March 2024 5:15 AM GMT
दो प्रमुख छोटी नदियां सूखने की कगार पर पहुंची
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जल प्रवाह में आ रही गिरावट से सूख रही हैं नदियां

भागलपुर: प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरने वाली दो प्रमुख छोटी नदियां सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं. मानव जीवन के लिए यह दुखद है. ये नदियां हमारी सभ्यता और संस्कृति की कहानी कहती है. प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरने वाली चंद्रभागा और छोटी बागमती नदी के जल प्रवाह में आ रही गिरावट गंभीर चिंता का विषय है. यह नदियां संकट में है. पर्यावरण मित्र नितेश कुमार इसके लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए कहते हैं कि सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं रहने के कारण यह स्थिति बनी है. मानवीय हस्तक्षेप से भूजल का अधिक दोहन हो रहा है. प्राकृतिक जल संग्रहण की ठोस योजना सरकार के पास नहीं है. शहरी क्षेत्र से गुजरने वाली नदियां अतिक्रमण का शिकार हो रही हैं. कई जगह तो इनका अस्तित्व नाले के समान हो गया है.

गढ़पुरा, भंसी, कुम्हारसो गांव होकर गुजरने वाली चंद्रभागा नदी अतिक्रमित हो रही है. नदियों की जल संग्रहण क्षमता इससे प्रभावित हो रही है. गढ़पुरा निवासी शिक्षाविद धर्म नारायण झा बताते हैं कि इस मामले में सरकार को गंभीर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन मृतप्राय हो रही नदियों के सर्वेक्षण, अध्ययन और निरंतरता के उपाय की आवश्यकता है. इन दोनों नदियों का उद्गम स्थल समस्तीपुर जिले के शिवाजी नगर प्रखंड स्थित त्रिमुहानी है जहां से यह रोसड़ा, हसनपुर, गढ़पुरा, बखरी प्रखंड होते हुए खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के संतोष स्लुईश गेट के पास कोसी, कमला और करेह नदी की जल धारा में समाहित हो जाती है. चंद्रभागा नदी गढ़पुरा प्रखंड के सात पंचायत होकर गुजरती है जिसमें मालीपुर, कोरैय, गढ़पुरा, कुम्हारसो, दुनही, कोरियामा, और सोनमा पंचायत शामिल है. जबकि, छोटी बागमती नदी गढ़पुरा प्रखंड के तीन पंचायत क्रमश मौजी हरि सिंह, कुम्हारसो को कौड़ा और सोनमा पंचायत के प्राणपुर गांव होकर गुजरती है.

बखरी करणी सेना का स्थापना दिवस मनाया गया

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का आठवां स्थापना दिवस बीपीएस किड्स जोन स्कूल में मनाया गया. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने के राजपूतों को एकजुट कर अपने हक की लड़ाई को तेज करने का संकल्प लिया.लोगों ने केक काटा कर स्थापना दिवस मनाने की रस्म को पूरा किया.

इस मौके पर संस्था के बेगूसराय जिलाध्यक्ष सुमित सिंह राजवंश ने कहा कि राजपूतों की एकता समय की जरूरत है. जब तक हम सब आपस में एकजुट नहीं होंगे तब तक सामाजिक व राजनीतिक रूप से अपने अधिकारों को नहीं पा सकेंगे. उन्होंने समाज के युवाओं से आग्रह किया कि व्यसनों से दूर रहक सही सोच के साथ आगे बढ़े व समाज के विकास में अपना योगदान दें. अन्य वक्ताओं में संजय सलिल, बब्बू सिंह परमार, सुभाष सिंह परमार, पवन सिंह आदि ने संगठन के विस्तार पर अपने सुझाव दिये. इसके बाद लोगों ने केक काटा कर स्थापना दिवस मनाने की रस्म को पूरा किया. कार्यक्रम के अंत में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के निधन पर दो मिनट का मौन रखा व उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. इस कार्यक्रम में आशुतोष सिंह, मुन्ना सिंह, अरविंद सिंह परमार, झुना सिंह, सौरभ सिंह सन्नी, सुभाष सिंह, राजू सिंह, अमर कुमार राजा, निरंजन सिंह छोटू, रघुवीर प्रताप सिंह, हेमंत सिंह मोनू, राजा सिंह परमार आदि मौजूद थे.

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