बिहार

गंगा में डूबे दो बच्चे आंखों के आगे ही बुझ गये दो घरों के इकलौते चिराग

Admin4
14 Oct 2022 5:09 PM GMT
गंगा में डूबे दो बच्चे आंखों के आगे ही बुझ गये दो घरों के इकलौते चिराग
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बिहार के मुंगेर में नदी में डूबने का मामला शुक्रवार को सामने आया है. कष्ट हरनी घाट पर दो बच्चे नहाने के दौरान डूब गये. बताया जा रहा है कि दोनों बच्चे लखीसराय के रहने वाले हैं. दोनों बच्चों का कोई अता-पता नहीं चल सका है. ऐसी आशंका अब जताई जा रही है कि दोनों की मौत हो चुकी है. गोताखोरों की टीम खोज में जुटी है.

कला महोत्सव में शिरकत करने आए थे बच्चे

लखीसराय के प्रभात चौक पुरानी बाजार निवासी सौरभ कुमार और अनुज कुमार प्रमंडल स्तरीय कला महोत्सव में शिरकत करने मुंगेर पहुंचे थे.शुक्रवार की सुबह दोनों बच्चे अभिभावक के साथ कष्ट हरणी घाट पर गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे. पानी में अठखेलियां के दौरान अचानक बच्चों का पैर फिसला और तेज धार में बह गए. दोनों बच्चों की मौत हो गयी.

लखीसराय के रहने वाले थे बच्चे

डूबे बच्चों की पहचान 16 वर्षीय सौरभ कुमार पिता अनिल कुमार और 10 वर्षीय अनुज कुमार पिता हीरा कुमार के रूप में हुई है.दोनों लखीसराय जिला अंतर्गत पुरानी बाजार प्रभात चौक के निवासी बताए जाते हैं .

गोताखोरों को भी नहीं मिले बच्चे

सूचना मिलने पर अनुमंडल पदाधिकारी यतेंद्र कुमार पाल के आदेश पर 10 सदस्य गोताखोरों की टीम डूबे बच्चों की खोजबीन में जुटी है लेकिन दोपहर 12:00 बजे तक डूबे बच्चों का कुछ भी अता-पता नहीं चल पाया.

ऐसे हुआ हादसा...

इधर डूबे बच्चों के परिजन तथा घाट पर स्नान करने वाले लोगों ने गंगा के बढ़ रहे जल स्तर को देखते हुए सभी मुख्य गंगा घाटों पर गोताखोरों को तैनात करने और बैरिकेटिंग करने की बात कहते दिखे. गंगा में डूबे सौरभ कुमार के पिता अनिल कुमार ने बताया कि वह लोग जैन धर्मशाला में ठहरे थे. शुक्रवार की सुबह दोनों बच्चों के साथ गंगा स्नान के लिए कष्ट हरनी घाट पहुंचे थे. दोनों बच्चे पानी में अठखेलियां कर रहे थे इसी दौरान गहरे पानी में चले जाने के कारण अचानक डूबने लगे. जब तक चीखते-चिल्लाते तब तक दोनों बच्चे पानी में डूब चुके थे.

मुख्य घाटों पर बेहद कम गोताखोर

खोजबीन में जुटे गोताखोरों ने बताया कि काफी खोजबीन के बाद भी दोनों बच्चों में से कोई नहीं मिला है. गोताखोरों ने 24 घंटे के बाद डूबे हुए बच्चों के पानी से निकलने की संभावना बताई है. गोताखोरों ने यह भी बताया 1 जुलाई से 30 सितंबर तक उन लोगों की प्रतिनियुक्ति गंगा घाटों पर की गई थी. मुख्य गंगा घाटों पर 55 गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति अगर प्रशासन की ओर से की जाती है तो ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है.

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