मोतिहारी: 2025 तक कटिहार जिला को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में 5 हजार से अधिक टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है. मगर जांच की व्यवस्था को सही नहीं है. टीबी की जांच अधिक से अधिक हो ताकि जिल के सभी ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद टीबी रोगियों की पहचान कर इलाज शुरू किया जा सके.
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग नई नीति के तहत काम करने में जुट गई है. स्वास्थ विभाग इस वर्ष के अंत तक जिले के सभी 16 प्रखंडों यानि सीएचसी व पीएचसी में टीबी जांच की व्यवस्था के लिए ट्रूनेट मशीन लगाया जायेगा. इस मशीन की व्यवस्था होने से टीबी जांच का दायरा प्रखंड क्षेत्र में भी बढ़ जायेगा और टीबी रोगियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ समय पर इलाज हो पायेगा. इससे टीबी रोगियों का इलाज की गति बढ़नेगी और टीबी मुक्त जिला को बनाने में सहुलियत होगी. यक्ष्मा विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि ट्रूनेट जांच मशीन की व्यवस्था इसी माह या अगले माह की शुरूआत में प्राणपुर और आजमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी जांच के लिए किया जायेगा. इसकी तैयारी अंतिम चरण में है. वर्तमान में रोगियों को टीबी रोग की पहचान के लिए जांच कराने के लिए जिला मुख्यालय या फिर बारसोई अनुमंडल अस्पताल में जांच कराने के लिए जाना पड़ता है. जांच मशीन की व्यवस्था होने के बाद आम रोगियों को आर्थिक व मानसिक परेशानी से निजात मिलेगी.
टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से नई नीति बनाई गई है. इस नीति के तहत ट्रूनेट मशीन सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. सरकार की ओर से हरी झंडी दे दी गई है. प्राणपुर और आजमनगर में प्राथमिकता के तौर पर उक्त जांच मशीन जल्द ही लगाया जायेगा. दिसंबर माह तक या इससे पहले सभी प्रखंडों में ट्रूनेट मशीन जांच मशीन लग जायेगा. -डॉ. अशरफ रिजवी, जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी, कटिहार