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बिहार | सूबे में हिट एंड रन केस के मामलों के निपटारे में हीलाहवाली हो रही है. परिवहन विभाग ने इन मामलों में अधिकारियों के स्तर पर होनेवाली लापरवाही पर चिंता जाहिर की है. विभाग ने जिलों में लंबित 16 हजार मामलों में कार्रवाई रिपोर्ट की मांग की है. विभाग के सख्त आदेश के बाद जिलों में लंबित वाहन दुर्घटनाओं के मामलों की फाइलों की खोज शुरू हो गई है.
परिवहन विभाग के अनुसार वाहन दुर्घटना में मृतक व घायलों के मुआवजे के कुल 16128 मामले विभिन्न जिलों में लंबित हैं. मामलों के लटकने से मृतकों के परिजन व घायलों को मुआवजा का भुगतान नहीं हो रहा है. पीड़ित परिवार मुआवजे के लिए अंचल से लेकर जिला कार्यालयों तक के चक्कर लगा रहे हैं. ये सभी मामले जिला ट्रिब्यूनल में लटके हैं, जिनके निष्पादन की रिपोर्ट विभाग ने मांगी है.
रिपोर्ट के अनुसार राज्य में हिट एंड रन के सबसे ज्यादा मामले पटना में लंबित हैं. पटना में 2864 मामलों में निर्णय होना है, जबकि मुजफ्फरपुर में 1573 मामले लंबित हैं. खगड़िया में 1405, अररिया के 84, अरवल के 22, सुपौल में 190, सिवान में 171, सीतामढ़ी में 347, शेखपुरा में 58, सारण में 603, समस्तीपुर में 713, सहरसा में 60, रोहतास में 583, पूर्णिया में 240, नवादा में 464, नालंदा में 242, मुंगेर में छह, मोतिहारी में 631, मधुबनी में 154, मधेपुरा में 78, लखीसराय में 22, किशनगंज में 31, कटिहार में 274, कैमूर में 165, जहानाबाद में 45, जमुई में 249, गोपालगंज में 117, दरभंगा में 570, बक्सर में 375, भागलपुर में 706, बेतिया में 105, बेगूसराय में 428, बांका में 42, औरंगाबाद में 208 मामले लंबित हैं.
बैंक यूनियन ने दिसंबर में हड़ताल का लिया निर्णय
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पर्याप्त भर्ती करने, नियमित नौकरी की जगह आउटसोर्सिंग के विरोध में एआइबीइए से संबद्ध बिहार प्रोवेंसियल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (बीपीबीइए) ने आंदोलन का निर्णय लिया है.
इसके तहत चार से 11 दिसंबर तक बैंकवार हड़ताल की जाएगी. इसमें चार को पीएनबी, पंजाब एंड सिंध बैंक, एसबीआइ में, पांच को बीओबी, छह को केनरा व सेंट्रल बैंक, सात को इंडियन व यूको बैंक, आठ को यूबीआई और बैंक ऑफ महाराष्ट्र और 11 दिसंबर को सभी निजी बैंकों में हड़ताल होगी. दो से छह जनवरी तक अलग-अलग राज्यों में हड़ताल होगी. बिहार में छह जनवरी को हड़ताल होगी.
अगले चरण में 19 और 20 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल होगी.
यह जानकारी बीपीबीइए के महासचिव अनिरुद्ध कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने दूर-दूर गांव में बैंक शाखाएं खुलवाकर बैंकिंग सेवा मुहैया करायी. इससे ग्राहकों की संख्या और कारोबार भी बढ़ा. इसका परिणाम हुआ कि कर्मचारियों पर बोझ बढ़ गया, लेकिन उस अनुपात में भर्तियां नहीं हो रही हैं. व्यवसाय वृद्धि के लिए अतिरिक्त कर्मी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. कर्मचारियों की कमी से इसका असर ग्राहक सेवा पर पड़ रहा है. सरकार व बैंक प्रबंधन स्थायी कर्मचारी घटाने व आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दे रहे हैं. इसलिए एआइबीइए के आह्वान पर चरणबद्ध हड़ताल की योजना बनाई गई है.
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Harrison
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