सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की मशीनों से मायागंज में होगा इलाज
भागलपुर न्यूज़: साढ़े तीन साल पहले सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को मिली जांच एवं इलाज के लिए जरूरी मशीन स्टोर में पड़ी-पड़ी धूल फांक रही हैं. इन जांच एवं इलाज के लिए जरूरी मशीनों का इस्तेमाल हृदय रोग समेत अन्य गंभीर मरीजों के लिए किया जाना था. अबतक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के तैयार न होने के कारण ये मशीनें रखी-रखी खराब होने की तरफ बढ़ रही थीं, लेकिन अब इन मशीनों का इस्तेमाल जेएलएनएमसीएच यानी मायागंज अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को चिकित्सकीय लाभ देने के लिए होगा. इसके लिए विभागीय स्तर से पहल शुरू हो चुकी है.
मेडिसिन विभाग में बनेगा दो बेड का रिसससिटेशन रूम, लगेंगे दो वेंटिलेटर करीब साढ़े तीन साल पहले केंद्र सरकार ने निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए 27 वेंटिलेटर एवं चार इको मशीन दी थी. ये मशीनें मायागंज अस्पताल के स्टोर में पड़ी हुई थीं. जब मेडिसिन विभाग के नये अध्यक्ष के रूप में डॉ. अविलेष कुमार की ताजपोशी हुई तो उन्होंने इन मशीनों का इस्तेमाल करने का उपाय ढूंढ़ा. इसके लिए मेडिसिन विभाग में दो बेड का रिसससिटेशन रूम तैयार करने का निर्णय लिया. बकौल डॉ. अविलेश, मेडिसिन के वार्ड में भर्ती मरीजों की तबीयत अचानक खराब हो जाती है तो उन्हें आईसीयू ले जाना पड़ता है. लेकिन अब इसी रिसससिटेशन रूम में गंभीर मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जाएगा. इस रूम के दोनों बेड पर एक-एक वेंटिलेटर भी लगाया जाएगा.
मेडिसिन विभाग को मिली इको मशीन, हृदय रोगियों को नहीं भटकना पड़ेगा अबतक इको जांच से वंचित मेडिसिन विभाग को अस्पताल प्रशासन ने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को मिली चार में से एक इको मशीन को मेडिसिन विभाग को दे दी है. इसका इंस्टॉलेशन होना बाकी है. जल्द ही इस मशीन के जरिये इको जांच की सेवा मेडिसिन विभाग में शुरू हो जाएगी. मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविलेष कुमार ने बताया कि विभाग में एक इंडोस्कोपी मशीन है, लेकिन ये खराब हो चुकी है. ऐसे में दूसरी एंडोस्कोपी मशीन के लिए मायागंज अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिख दिया गया है. वहीं विभाग में रखा ट्रेड मिल जो कि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए मिला हुआ है. उम्मीद है कि ये मशीन भी एक सप्ताह में मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि दो साल से विभाग में रखी टीएमटी (ट्रेड मिल टेस्ट) मशीन खराब है. ऐसे में अस्पताल अधीक्षक को एक-एक ट्रेड मिल टेस्ट, एबीजी, सीआर व अल्ट्रासाउंड जांच मशीन की मांग की गयी है.
ब्रोंकोस्कोपी मशीन आठ साल से मेडिसिन विभाग में
मेडिसिन विभाग को मई 2014 में दो ब्रोंकोस्कोपी मशीन मिली थी. इस दौरान दो एचओडी चले गये, लेकिन टीबी, चेस्ट एवं फेफड़े के साथ-साथ ईएनटी के बीमारों की जांच के लिहाज से महत्वपूर्ण ये मशीन मेडिसिन विभाग में पड़ी रही. अब म्विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविलेष कुमार ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि दोनों ब्रोंकोस्कोपी मशीन को टीबी, चेस्ट एंड पल्मोनरी मेडिसिन व ईएनटी विभाग को दे दी जाय जिससे मरीजों को फायदा मिल सके.
कुछ नई मशीन के लिए प्रस्ताव मिले हैं, जिनकी खरीद की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तो कुछ स्टोर में पड़े हैं, जिन्हें मेडिसिन विभाग को दिए जाने की पहल शुरू कर दी गयी है. वहीं मेडिसिन विभाग में पड़ी ब्रोंकोस्कोपी मशीन को टीबी एंड पल्मोनरी और ईएनटी विभाग को दे दी जाएगी.
डॉ. असीम कुमार दास, अधीक्षक