पटना न्यूज़: राज्य के पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया को छोड़कर अन्य छोटे शहरों में भी पिछले कुछ वर्षों के दौरान व्यापारिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं. परंतु इन शहरों से टैक्स का संग्रह उस अनुपात में नहीं बढ़ा है. इन स्थानों के व्यापारी, डॉक्टर, कोचिंग संस्थान समेत ऐसे अन्य प्रतिष्ठानों के स्तर से आयकर रिटर्न का अनुपात नहीं बढ़ा है. इसके मद्देनजर आयकर महकमा ने छोटे शहरों में मौजूद व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सर्वे की प्रक्रिया तेज कर दी है.
इन सभी शहरों में मौजूद ऐसे व्यापारियों समेत अन्य प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की जा रही है. इस आधार पर इनके यहां सर्वे की कार्रवाई की जाएगी. जिनके पास से टैक्स संग्रह में बड़ी गड़बड़ी मिलेगी, उनके यहां छापेमारी की कार्रवाई भी होगी. आयकर विभाग की रडार पर लोहा, सीमेंट, फर्नीचर, दवाई, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के विक्रेताओं के अलावा ज्वेलरी दुकानें, होटल, नर्सिंग होम, कोचिंग सेंटर वाले हैं. इसके अलावा मसाला, ड्राई फ्रूट्स समेत अन्य खाद्य सामग्रियों के थोक विक्रेताओं पर भी नजर है. खाद्य सामग्रियों के विक्रेताओं के पास टैक्स की हेराफेरी और कच्चे में कारोबार करके टैक्स चोरी की
सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. जिन व्यापारी समेत ऐसे अन्य प्रतिष्ठानों के आयकर रिटर्न में ज्यादा अंतर पाया गया या पिछले कुछ वर्षों से लगातार काफी कम करके दायर किया जा रहा या जो कुछ एक लोग जीरो रिटर्न दायर कर रहे हैं या रिटर्न दायर ही नहीं कर रहे हैं, ऐसे सभी लोगों का समुचित स्कैन करके सर्वे किया जा रहा है.
इनके आयकर रिटर्न की समुचित जांच करके टैक्स अदायगी से संबंधित पूरे मामले की जांच की जाती है. इस आधार पर टैक्स में गड़बड़ी उजागर हो रही है.
सर्वे में पकड़ी गई 50 करोड़ से अधिक की चोरी
आयकर विभाग ने इस वर्ष जनवरी से अब तक पटना को छोड़कर औरंगाबाद, समस्तीपुर, पूर्णिया, मधुबनी, सीवान जैसे शहरों के दो दर्जन से अधिक विभिन्न तरह के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और नर्सिंग होम में सर्वे किया. इनमें कुछ शहरों के नर्सिंग होम और कुछ ऐसे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पहली बार सर्वे किया गया था. इनके पास से 50 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी गई. इन सभी से नियमानुसार टैक्स की वसूली करके आगामी वर्ष के लिए उचित टैक्स जमा करने की चेतावनी भी दी गई. पिछले वर्ष वैशाली जिला के भगवानपुर में एनएच पर मौजूद साधु स्वीट्स में आयकर की छापेमारी में 50 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी सामने आई थी. इस दौरान पौने दो करोड़ रुपये नगद उसके गांव वाले घर से जब्त किए गए थे. छोटे शहरों में ऐसे कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में आयकर की गड़बड़ी बड़े स्तर पर सामने आ रही है.