नालंदा न्यूज़: बिहारशरीफ शहर में सड़क पर लगे तोरणद्वार ‘तीसरी आंख’ (सीसीटीवी) के लिए मुसीबत बन गये हैं. फुटेज में वीडियो की जगह सिर्फ बैनर पोस्टर ही नजर आ रहे हैं. शहर में सुरक्षा को लेकर 510 सीसीटीवी लगाए गए हैं. इनमें से अधिकतर कैमरों के आगे यही समस्या है. इस कारण वे बेकार साबित हो रहे हैं. सोहसराय से भरावपर चौक समेत अन्य सड़कों पर एक दर्जन से अधिक जगहों पर यही हाल है. अस्पताल चौक जैसे व्यस्तम चौक पर भी रांची रोड पर लगे दोनों तरफ वाले सीसीटीवी में तोरण द्वार ही नजर आ रहे हैं. चौक पर हो रही गतिविधियों पर नजर रखने में परेशानी हो रही है. साथ ही वहां की गतिविधियां सीसीटीवी कैमरे में कैद नहीं हो रही है.
इसके लिए थानाध्यक्ष ने संबंधित संस्थानों को बैनर-पोस्टर हटाने का आदेश दिया है. आदेश के बावजूद शिक्षण संस्थान व अन्य बैनर पोस्टर व तोरण द्वार हटाने की सुध नहीं ले रहे हैं.
नगर निगम के राजस्व पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि तोरण द्वार या बैनर पोस्टर के लिए प्रति माह ढाई हजार रुपए या ढाई सौ रुपए प्रतिदिन की दर से शुल्क लिया जाता है. आवेदनकर्ता को भीड़ भाड़ वाले या व्यस्त इलाके में इसे लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है. इसके साथ ही सीसीटीवी को भी बाधित नहीं करना है. लहेरी थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने नगर आयुक्त तरणजोत सिंह से अस्पताल चौक व अन्य जगहों पर लगे तोरण द्वार व बैनर पोस्टर को हटाने के लिए पत्राचार किया है. इस संबंध में ठेकेदार विकास कुमार को अवगत करा दिया गया है. यदि तोरण द्वार नहीं हटाया गया है, तो संबंधित संस्थान के संचालक पर एफआईआर तक दर्ज की जा सकती है.
लहेरी थानाध्यक्ष ने बताया कि अस्पताल चौक पर लगे सीसीटीवी फुटेज में आसपास के बैनर पोस्टर ही दिखते हैं.
ऐसे में घटनाओं में शामिल अपराधियों की पहचान करने में परेशानी हो रही है. साथ ही, आए दिन सड़क जाम की भी समस्या इससे हो रही है. इस संबंध में वरीय पदाधिकारी को जानकारी दे दी गयी है. यदि नगर निगम द्वारा अविलंब नहीं हटाया गया, तो वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी.