आज खेल संघ के सदस्य मिलेंगे अधिकारियों से, बात नहीं मानेंगे तो करेंगे आंदोलन
भागलपुर न्यूज़: सैंडिस कंपाउंड के स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में बने कमरे को खाली कराने को लेकर की शाम को हंगामा हो गया. दरअसल नगर आयुक्त डॉ. योगेश कुमार सागर और सदर एसडीओ धनंजय कुमार शाम 6 बजे सैंडिस में पहुंचे और अपनी मौजूदगी में खेल संघ के कमरे का ताला तुड़वा कर दूसरा ताला लगवा दिया. इस कार्रवाई से खेल संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी भड़क गए. रात नौ बजे तक सैंडिस में एसोसिएशन के पदाधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा.
क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी आनंद मिश्रा ने बताया कि खेल संघ की ओर से हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई है. अभी यह मामला विचाराधीन है. लेकिन इस बीच में नगर आयुक्त की यह कार्रवाई कहीं से विधि संगत नहीं है. यहां कोई आपराधी या आतंकवादी नहीं रहते हैं जो इस तरह की कार्रवाई की गई. खेल से जुड़े एसोसिएशन और खिलाड़ियों का कार्यालय चलता है. नगर आयुक्त को इसका इतिहास पता नहीं है. 1966 में फुटबॉल एंड एथलेटिकक्स एसोसिएशन का गठन हुआ और उसी समय पीडब्ल्यूडी ने यहां भवन बनाकर 99 साल का लीज एसोसिएशन के साथ किया है. इसके बाद बाकायदा किराया उचित माध्यम से भुगतान किया जाता है. वहीं एथलेटिक्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार झा ने बताया कि प्रशासन की यह दमनात्मक कार्रवाई है. खिलाड़ियों को सैंडिस से बेदखल करने की कवायद है. उन्होंने कहा कि यह पूरा ड्रामा खिलाड़ियों से शुल्क वसूली के लिए हो रही है. खिलाड़ी और एसोसिएशन इस मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे. इसके लिए आंदोलन करना पड़ेगा तो करेंगे. इस दौरान क्रिकेट एसोसिएशन के सुबीर मुखर्जी, फुटबॉल एसोसिएशन के सादिक हसन, फारूक आजम, एथलेटिक्स सचिव नसर आलम, वॉलीवॉल एसोसिएशन के नीलकमल, जिम ट्रेनर अर्जुन कुमार आदि मौजूद थे. 10 बजे सदर एसडीओ ने अपने कार्यालय में बुलाया है. नगर आयुक्त ने भी कार्यालय आने को कहा है. पहले अधिकारियों से मिलेंगे. अगर अफसर बात नहीं मानेंगे तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा. साथ ही साथ इस कार्रवाई के जिला जिला जज के न्यायालय में नगर आयुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
खिलाड़ी खेल सकते हैं, रह नहीं सकते नगर आयुक्त
नगर आयुक्त डॉ. योगेश कुमार सागर ने बताया कि उन्होंने की शाम को सैंडिस का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान वहां एक महिला को रहते हुए पाया गया. सैंडिस कंपाउंड में एसोसिएशन या खिलाड़ियों के खेलने पर कोई रोक नहीं है. लेकिन वहां किसी को रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. तमाम संसाधनों को समय से खोलना और बंद करना ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के लिए बहाल केयर टेकर एजेंसी की जिम्मेदारी है. इसलिए कोई अपने मन से ताला नहीं लगा सकता है. जो लोग रह रहे हैं उनके बारे में जांच के लिए सदर एसडीओ को निर्देश दिया गया है.