बिहार

आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा का आज तीसरा दिन है,शाम को छठी व्रती देंगे भगवान सूर्य को अर्घ्य

Kajal Dubey
7 April 2022 9:37 AM GMT
आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा का आज तीसरा दिन है,शाम को छठी व्रती देंगे भगवान सूर्य को अर्घ्य
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सूर्यापासना तथा लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय चैती छठ पूजा के आज तीसरा दिन है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैती छठ पर्व पर छठ व्रती आज गंगा किनारे के 26 घाटों पर भगवान भास्कर को अर्घ देंगे. सूर्यापासना तथा लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय चैती छठ पूजा के आज तीसरा दिन है. आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. शुक्रवार की सुबह में उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय पर्व संपन्न होगा. पटना के सभी घाटों को लाइटिंग से सजाया गया है. वहीं, छठ घाट किनारे महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाये गये हैं, इसके साथ ही घाट पर पहुंचने के लिए रास्ता भी बनाया गया है. घाट पर पहुंचने के लिए छठ व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन ने 26 घाटों को तैयार किया है. दीघा घाट, पाटी पुल, मीनार घाट, गेट संख्या 83, 88, 92 व 93 में अर्घ देने में व्रतियों को काफी सुविधा होगी. वे वाहन से सीधे घाट तक पहुंच सकते हैं.

अर्घ देने का शुभ मुहूर्त
सूर्यास्त का समय (संध्या अर्घ) : 7 अप्रैल दिन गुरुवार शाम 06:12 बजे
सूर्योदय का समय (उषा अर्घ) : 8 अप्रैल दिन शुक्रवार सुबह 05:47 बजे
चैती छठ पूजा का महत्व
आस्था का महापर्व साल में दो बार कार्तिक माह एवं चैत्र माह में मनाया जाता है. छठ पूजा मुख्य रूप से भगवान सूर्य की उपासना है. इस माह में सूर्य मीन राशि में होते हैं तथा यह उच्च राशि की ओर अग्रसर होते हैं. यह व्रत करने वाले श्रद्धालु गंगा में, पवित्र नदी में, जलाशय में या घर में गंगा जल मिला कर स्नान करके व्रत का शुभारंभ करते हैं. यह पर्व नहाय खाय से आरंभ होकर चार दिनों तक चलता है. प्रात: कालीन सूर्य को अर्घ देकर इस व्रत का पारण होता है.
आज शाम छठी व्रती देंगे भगवान सूर्य को अर्घ्य
सनातन धर्म में महिलाएं अपनी संतान के निरोगिता एवं समृद्धि के लिए छठी माता का पूजन करती है. छठ व्रत करने से घर सुख समृद्धि, संतानों की उन्नति आरोग्यता धन-धान्य की वृद्धि होती है. इस बार कृतिका नक्षत्र एवं प्रीति योग में नहाय खाय के साथ चैती छठ का चार दिनों का महापर्व शुरू हो गया है. सात अप्रैल गुरुवार को व्रती पूरे दिन उपवास रह कर सायं काल में भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे.


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