बिहार

आवागमन को सुलभ बनाने के लिए गांधी सेतु के समानांतर नया पुल अगले वर्ष होगा तैयार

Admindelhi1
8 April 2024 5:15 AM GMT
आवागमन को सुलभ बनाने के लिए गांधी सेतु के समानांतर नया पुल अगले वर्ष होगा तैयार
x
गांधी सेतु के समानांतर नए फोरलेन पुल और सड़क का निर्माण किया जा रहा है

पटना: पटना से उत्तर बिहार के आवागमन को सुलभ बनाने के लिए गांधी सेतु के समानांतर नए फोरलेन पुल और सड़क का निर्माण किया जा रहा है. इसे 20 के दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल 45 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. इस परियोजना के तहत गंगा नदी में 242 मीटर लंबे 23 एक्स्ट्रा केवल डोज स्पेन और 33 पिलर का निर्माण होना है.

पटना के जीरोमाइल से हाजीपुर बीएसएनल गोलंबर तक 14.5 किलोमीटर लंबे पुल और सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 5.6 किलोमीटर हिस्सा गंगा के ऊपर बन रहे चार लेन का पुल होगा, वहीं पुल के दोनों तरफ 8.9 किमी लंबी आठ लेन की मुख्य सड़क और इसके दोनों तरफ 2-2 लेन के सर्विस रोड का निर्माण भी शामिल है. यह बिहार की ऐसी पहली सड़क होगी, जो 12 लेन की है. इसका निर्माण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 1794 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है.

पुराने पुल से आएंगे और नए पुल से जाएंगे लोग नया पुल बनने पर ट्रैफिक को वन-वे कर दिया जाएगा. हाजीपुर से पटना आने के लिए लोग पुराने पुल का उपयोग करेंगे. वहीं पटना से हाजीपुर जाने के लिए लोग नए पुल का इस्तेमाल करेंगे. इससे जाम से निजात मिलेगी. वर्तमान में एक पुल से आवागमन होने के कारण जाम की स्थिति में पटना आने और हाजीपुर जाने में घंटों लग जाता है.

गायघाट, अगमकुआं और पासवान चौक के पास बन रहा ओवरब्रिज: पुल को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे एप्रोच रोड में गायघाट के पास 1.5 किलोमीटर लंबा 4 लेन का और हाजीपुर के पासवान चौक में 4-4 लेन का 101 मीटर लंबा दो ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, वहीं अगमकुआं में बिस्कोमान मोड़ से गांधी सेतु को जोड़ने के लिए 4 लेन के रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा. इस आरओबी के निर्माण की मंजूरी के लिए रेलवे के साथ बातचीत चल रही है.

33 पिलरों का होना है अभी निर्माण: पासवान चौक के पास बन रहे फोरलेन ओवरब्रिज में गार्डर रखा जा रहा है. गायघाट के पास बनने वाले 1.5 किलोमीटर लंबे 4 लेन में 1400 मीटर फोरलेन ओवरब्रिज तैयार कर लिया गया है. वहीं गंगा में बनने वाले पुल के लिए पिलर और दो अन्य पिलर का निर्माण होना है. इसमें से चार पिलर का निर्माण गंगा के बीच में होना है.

Next Story