बिहार

बिहार में पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मुख्यालय स्तर पर परखे जाएंगे काम, इन बिंदुओं पर डीजीपी करेंगे सीआईडी के कार्यों की समीक्षा

Renuka Sahu
6 May 2022 4:24 AM GMT
To improve the police system in Bihar, the work will be tested at the headquarters level, the DGP will review the work of CID on these points.
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फाइल फोटो 

पुलिसिंग के लिहाज से संवेदनशील थानों की समीक्षा के साथ अब मुख्यालय स्तर पर सभी प्रभागों के कामकाज की समीक्षा होगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पुलिसिंग के लिहाज से संवेदनशील थानों की समीक्षा के साथ अब मुख्यालय स्तर पर सभी प्रभागों (डिवीजन) के कामकाज की समीक्षा होगी। डीजीपी एसके सिंघल हर एक प्रभार के कामकाज को खुद देखेंगे। शुक्रवार से इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। डीजीपी सबसे पहले अपराध अनुसंधान विभाग के कार्यों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार भी मौजूद रहेंगे।

इन बिंदुओं पर होगी सीआईडी की समीक्षा
अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के कामकाज की समीक्षा के लिए तीन बिंदु तय किए गए हैं। अपराध के दृष्टिकोण से संवेदनशील थाना, अनुमंडल, जिला और क्षेत्र की पहले विस्तृत समीक्षा होगी। इसके साथ गंभीर श्रेणी के अपराध जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर फायरिंग, हथियार लहराना और धमकी देना, हत्या, लूट, डकैती, फिरौती हेतु अपहरण, रंगदारी आदि के मामले शामिल होंगे। इसकी समीक्षा थानास्तर के साथ अनुमंडल और जिलावार की जाएगी। समीक्षा के दौरान एफएसएल के कामकाज को भी देखा जाएगा। एफएसएल किस तरह आपराधिक कांडों की जांच में सहयोग कर रहा है। जांच के लिए लैब भेजे गए प्रदर्शों को लेकर भी समीक्षा होगी।
पुलिस मुख्यालय में हैं कई प्रभाग
पुलिस मुख्यालय में अलग-अलग कई प्रभाग हैं। इसमें प्रमुख रूप से सीआईडी, कमजोर वर्ग, प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण, विधि-व्यवस्था, कार्मिक, मुख्यालय, वायरलेस, विशेष सशस्त्र पुलिस व खेल प्रभार आदि शामिल हैं।
प्रत्येक शुक्रवार को होगी एक प्रभाग की समीक्षा
डीजीपी प्रत्येक शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय के किसी एक प्रभाग की समीक्षा करेंगे। जिस प्रभाग से संबंधित समीक्षा होगी उसके अफसरों द्वारा निर्धारित एजेंडा पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया जाएगा। इसमें प्रभाग के एसपी रैंक से ऊपर के सभी अफसर मौजूद रहेंगे। अगले शुक्रवार को कमजोर वर्ग प्रभाग की समीक्षा होनी है। इसमें एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले, बाल अपराध और पॉक्सो एक्ट के जुड़े कांड के अनुसंधान, निष्पादन, कांडों में कमी या वृद्धि हुई, स्पीडी ट्रायल में सजा का अनुपात आदि मामले शामिल होंगे।
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