बिहार

तिलक एवं स्व निर्मित राखी है चाइनीज संस्कृति के बहिष्कार का प्रतीक : अभाविप

Shantanu Roy
6 Aug 2022 4:03 PM GMT
तिलक एवं स्व निर्मित राखी है चाइनीज संस्कृति के बहिष्कार का प्रतीक : अभाविप
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बेगूसराय। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कार्यकर्ताओं शनिवार को बेगूसराय के महिला कॉलेज में रक्षाबंधन मानते हुए छात्राओं से राखी बंधवाई एवं उनकी रक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर बहनों को उपहार स्वरूप पौधे देकर उन्हें पर्यावरण की रक्षा का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि आज आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं के मन से भय का वातावरण दूर करना है।

अक्सर कालेज एवं चौक-चौराहे पर छात्राओं के साथ छेड़खानी एवं छीटाकशी की जाती है। इसके कारण 21 वीं शताब्दी में भी कई अभिभावक अपनी बेटियों को अकेले पढ़ने नहीं भेजते हैं। इसलिए अभाविप हर वर्ष महिला कॉलेज में छात्राओं के बीच रक्षाबंधन कार्यक्रम कर उनके सभी परेशानियों को दूर करने का संकल्प लेती है। राज्य विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख कन्हैया कुमार एवं विभाग प्रमुख विजेन्द्र कुमार ने कहा कि यूं तो भारत में भाई-बहनों के बीच प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन की मोहताज नहीं है, लेकिन रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना है। सदियों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
जिला संयोजक सोनू कुमार एवं प्रान्त छात्रा सह प्रमुख स्वेत निशा ने बताया कि अज्ञानता और चकाचौंध से भरपूर दिखने के लिए आम जन चाइना की राखी का इस्तेमाल कर लेते हैं। वे अनजाने में वैसे देश का हम साथ देते हैं जो कदम-कदम पर भारत का विरोध करता है। इसलिए अभाविप चाइना की बनी वस्तुओं का बहिष्कार करती है। नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार एवं प्रदेश कार्यकारणी सदस्य आदित्य कुमार ने कहा कि आज के इस रक्षाबंधन में इस्तेमाल राखी अभाविप के कार्यकर्ताओं के द्वारा ही बनाया गया है। मौके पर अंशु, अमन, रौशन, सोनल प्रिया, मनीषा, ज्योति, पल्लवी, संगम एवं सुधा सहित अन्य मौजूद थे।
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