मुंगेर न्यूज़: जैविक पद्धति से खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से ऑर्गेनिक खेती करने की स्वीकृति प्रदान की गई है. यह स्वीकृति वैसे किसानों के लिए है जो जैविक कॉरिडोर योजना के तहत जैविक खेती के लिए चयनीत तीन समूहों में शामिल हैं. चयनित समूह धरहरा के दो तथा जमालपुर प्रखंड के एक समूह के किसानों के लिए है, जो रासायनिक खाद के उपयोग की जगह जैविक आधारित खेती करेंगे.
ऐसे तो सरकार सभी फसलें जैविक आधारित करने पर जोर दे रही है, लेकिन सबसे अधिक ध्यान जैविक पद्धति से सब्जी उत्पादन पर दिया जा रहा है. जैविक उत्पाद की बिक्री के लिए भी जिला प्रशासन मार्केट उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. जिले में ऑर्गेनिक आधारित खेती 3 चरणों में की जाएगी. इसके लिए किसानों को जागरूक किए जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. किसान जैविक आधारित खेती के प्रति रूचि दिखाएं, इसके लिए सरकार की ओर से उन्हें अनुदान भी दिया जा रहा है. ताकि किसान इस खेती के प्रति रुचि ले, और धीरे-धीरे रसायनिक पद्धति से तौबा कर ले.
इसके पूर्व भी कृषि निदेशालय की ओर से गंगा नदी से सटे जमालपुर, धरहरा मुंगेर सदर तथा बरियारपुर के कई पंचायतों को जैविक कॉरिडोर में शामिल कर जैविक खाद से खेती करने के लिए प्रेरित किया गया था.
क्या है जैविक खेती की विशेषता
जैविक खेती कृषि की वह विधि है, जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के उपयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है. तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट आदि का प्रयोग करती है. सन 1990 के बाद से विश्व में जैविक उत्पादों का बाजार काफी बढ़ा है. ऐसी खेती जिसमें दीर्घकालीन व स्थिर प्राप्त करने के लिए कारखानों में निर्मित रसायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों व खरपतवार नाशक तथा वृद्धि नियंत्रक का प्रयोग ना करते हुए जीवांशयुक्त खादों का प्रयोग किया जाता है तथा मृदा एवं पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण होता है.