बिहार

संदिग्ध बीमारी से तीन की मौत

Shantanu Roy
27 July 2022 3:50 PM GMT
संदिग्ध बीमारी से तीन की मौत
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लखीसराय। रहस्यमय बीमारी से एक सप्ताह के अंदर एक परिवार के तीन लोगों की हुई मौत (Death) के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग एवं नगर परिषद चौकस हुआ। स्वास्थ्य विभाग बड़हिया की टीम पीड़ित परिवार के घर पर पहुंची। रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर विनोद कुमार सिन्हा की देखरेख में डाक्टर अनिल कुमार ठाकुर के नेतृत्व में टीम के सदस्यों ने मृतक के स्वजनों एवं आस पास के लोगों का टायफायड, मलेरिया, कोरोना एवं कालाजार जांच के लिए सैंपल लिया।

इस दौरान टीम ने 56 लोगों का सैंपल लिया। इस दौरान तीन लोगों को बुखार रहने पर उसे सदर अस्पताल लखीसराय रेफर कर दिया। इसके बाद जिला मुख्यालय से डा. अश्विनी कुमार के नेतृत्व में भी तीन सदस्यीय मेडिकल टीम पहुंची और विभिन्न पहलुओं की जांच की। उन्होंने पीड़ित परिवार के घर गए डा. अनिल कुमार ठाकुर से भी जानकारी ली। उधर नगर परिषद ने भी उक्त वार्ड की साफ-सफाई की है। जानकारी हो कि स्थानीय भोला यादव के पुत्र सिजली कुमार को बुखार आई थी। उन्हें बड़हिया के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

स्थिति ज्यादा खराब होने पर उसे पटना स्थित एम्स में भर्ती कराया गया।उसके बाद भोला यादव के भाई अनिल यादव की 55 वर्षीय पत्नी रामसखी देवी को बुखार आई। उन्हें लखीसराय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई। इसके बाद भोला यादव के पुत्र सिजली कुमार (19) की भी शनिवार को एम्स में मौत हो गई। वहीं सिजली कुमार की भाभी बिजली कुमार की पत्नी मौसम कुमारी (24) को रविवार को लड़का पैदा हुआ था। उसे भी बुखार आई तो उसके मायके वाले उसे इलाज कराने के लिए मुंगेर ले गए। वहां सोमवार को उसकी मौत हो गई। वहीं अनिल यादव की बहु रंजीत उर्फ सौरव कुमार की पत्नी निभा देवी (30) का इलाज पटना के निजी अस्पताल में चल रहा है
शुद्ध पेयजल का अभाव व गंदगी तो कहीं कारण नहीं
पीड़ित परिवार का रहन सहन व सामाजिक परिवेश ग्रामीण स्तर का है। पशु पालन उनका मुख्य रोजगार रहने के कारण घर के आंगन में पशु को भी रखते हैं। वहीं घर का आंगन कच्चा है। घर जाने के लिए मुख्य सड़क से कच्ची रास्ता है। वहीं घर में लोगों का रहन सहन भी साधारण ढंग का है। घर को देखने से गरीबी साफ झलकती है। पीड़ित परिवार नगर परिषद की जलापूर्ति का पानी पीते हैं। नल नहीं चलने पर सड़क किनारे नाले के नजदीक लगे हैंड पंप का पानी पीते हैं। घर के सदस्यों ने बताया कि नल का पानी दूषित रहता है। बर्तन में रखने पर पानी लाल हो जाता है। मजबूरन पानी पीते हैं।
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