बिहार

एसकेएमसीएच स्थित कैंसर अस्पताल में तीन दिवसीय वर्कशॉप शुरू हुआ

Admindelhi1
11 April 2024 6:44 AM GMT
एसकेएमसीएच स्थित कैंसर अस्पताल में तीन दिवसीय वर्कशॉप शुरू हुआ
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दवाओं के नाम बड़ा व स्पष्ट लिखें डॉक्टर

बिहार न्यूज़: एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल से होने वाले खतरे व इससे बचाव को लेकर एसकेएमसीएच स्थित कैंसर अस्पताल में से तीन दिवसीय वर्कशॉप शुरू हुआ. इसमें एनएमसीएच पटना, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर और डीएमसीएच दरभंगा के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टरों के साथ देश के विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हुए.

कार्यक्रम बिहार सरकार, होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र और डॉक्टर्स फॉर यू के तत्वावधान में हुआ. इसकी शुरुआत करते हुए डॉ. प्रो. संदीप सहाय (यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो नार्वे) ने सबका स्वागत किया. इसमें डॉ. इस्मिता चराणी ने कहा कि डॉक्टर दवाओं का नाम बड़ा व स्पष्ट रूप से लिखें.

ताकि, मरीज और फार्मासिस्ट आसानी से दवाओं के नाम को समझ सकें. उन्होंने एएसटी (रोगाणुरोधी संवेदनशीलता परीक्षण) के डाटा को डिजिटल करने के फायदे के बारे में बताया. कहा कि इससे डाटा का विश्लेषण के करने में आसानी होगी. इससे चिकित्सकों को एंटीबयोग्राम के बारे में पता चलेगा. उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया. मौके पर डॉ. अरुणिमा मुखर्जी (प्रो. यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो नार्वे), संजय कुमार (एचओडी माइक्रोबायोलॉजी एनएमसीएच पटना), डॉ. कन्हैया झा (एचओडी माइक्रोबायोलॉजी डीएमसीएच दरभंगा), विवेकानंद भोई (रिसर्चर, होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र मुजफ्फरपुर), आयुष भारद्वाज (प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर, डॉक्टर्स फॉर यू) आदि उपस्थित थे.

जमीन अधिग्रहण की मिली स्वीकृति: बागमती परियोजना का काम आगे बढ़ने की उम्मीद जग गई है. इसके लिए औराई अंचल के मथुरापुर बुजुर्ग में 0.9615 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की स्वीकृति मिल गई है. समाहर्ता ने इसकी स्वीकृति देते हुए औराई सीओ को जमीन से संबंधित कागजात के सत्यापन की जिम्मेवारी सौंपी है. सीओ दो माह में 11 बिंदुओं पर भू-अभिलेखों का सत्यापन करेंगे. इसके अलावा अंचल में शिविर लगाकर उक्त कार्य करने का निर्देश दिया है.

रैयतों के भू-अभिलेखों को अपडेट करने के साथ एलपीसी भी निर्गत करने की जिम्मेवारी दी गई है. कार्य पूरा होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट भू-अर्जन पदाधिकारी को देने को कहा है. इसमें लापरवाही या त्रुटि होती है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी औराई सीओ की होने की बात कही है.

उल्लेखनीय है कि बागमती विस्तारीकरण परियोजना के तहत दाएं और बाएं तटबंध का निर्माण किया जा रहा है. कार्य को बाढ़ से पूर्व पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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