मुंगेर न्यूज़: व्याख्यान का विषय पर्यावरण एवं नदी का अंतर्संबंध था. पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित इस एकदिवसीय विशेष सेमिनार में विशेष व्याख्यान देने के लिए तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ रुचि श्री को आमंत्रित किया गया था.
उन्होंने भागलपुर की प्राचीन चंपा नदी पर महत्वपूर्ण शोध कार्य किया है. अपने व्याख्यान में डॉ श्री ने मानव केंद्रित एवं पूंजी आधारित विकास के कारण पर्यावरणीय नुकसान के खतरों को रेखांकित करते हुए विशेष रूप से छोटी नदियों को बचाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि, आज प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरा है. हवा, पानी एवं मिट्टी सब कुछ प्रदूषित हो चुका है. ऐसे में पर्यावरण के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाने की जरूरत है. इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता की आवश्यकता है. विशेष रुप से नदियां प्रदूषण से काफी प्रभावित हो रही हैं. प्रदूषण के कारण कई छोटी नदियां या तो सूख चुकी हैं अथवा गंदे नाले के रूप में तब्दील हो गई हैं. ऐसी नदियों को आज बचाने की जरूरत है. नदियों का बचाने लोगों की काफी हद तक समस्याएं हल हा सकती हैं.
कई विभागों के छात्र छात्राएं हुए शामिल
विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास, हिंदी, उर्दू एवं अंग्रेजी विभाग के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता अंग्रेजी और स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष डॉ भवेशचंद्र पांडेय ने किया. जबकि, संचालन स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के डॉ जयंत कुमार ने किया. सेमिनार के अंत में स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ गिरीश चंद्र पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया. सेमिनार में स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसके मंडल, डॉ हरीश्चंद्र शाही, डॉ अजय कुमार, डॉ अब्दुल सलाम अंसारी, डॉ जकिया तस्नीम एवं डॉ रोहित कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे.