मुजफ्फरपुर न्यूज़: राज्य सरकार अगले वर्ष मनरेगा में 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन करेगी. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा में यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसे वार्षिक कार्य योजना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा. यह वर्ष 2023-24 के लिए हमारा अनुमानित मानव दिवस है. अबतक 1.86 करोड़ परिवारों को जॉब कार्ड निर्गत किया गया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 67.76 लाख परिवारों को जॉब कार्ड दिया गया है. इसमें 88.35 लाख लाभार्थी निबंधित हैं. इसी तरह जल जीवन हरियाली के तहत मनरेगा से प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण या जीर्णोद्धार करने का लक्ष्य है.
मंत्री विधानसभा में विभाग के बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. मंत्री ने मनरेगा समेत तमाम केन्द्रीय योजनाओं में केन्द्र पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारी जरुरतों और मांग के अनुरूप मानव दिवस नहीं दिया जाता, वहीं मनरेगा सामग्री का दो हजार करोड़ रुपया भी केन्द्र नहीं दे रहा. मनरेगा की मजदूरी आज भी 210 रुपए है जबकि हम 350 रुपए करने की लगातार मांग कर रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री से भी इस संबंध में हमने मुलाकात की. लेकिन कोई फलाफल नहीं निकला. मनरेगा की 136 दिनों की मजदूरी भी केन्द्र सरकार ने नहीं दी. मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए 27.26 करोड़ मानव दिवस सृजन की मांग केन्द्र से की गयी थी, लेकिन 15 करोड़ की ही स्वीकृति मिली. बार-बार अनुरोध के बाद इसे संशोधित कर पहले 17.50 करोड़ और फिर 25 करोड़ किया गया. मंत्री ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि विभाग बेहतर काम नहीं कर रहा. उन्होंने कहा कि हमारे चेक डैम की योजना की केन्द्र ने प्रशंसा की और बिहार मॉडल को पूरे देश में लागू करने की अनुशंसा भी की. इसी तरह हमें कई सेक्टर में पुरस्कार भी मिला है. हालांकि उनके जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन का वाकआउट किया.