बिहार

88 वर्ष बाद होगा ये...

jantaserishta.com
7 May 2022 5:36 AM GMT
88 वर्ष बाद होगा ये...
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Bihar Railway News: बिहार में 88 वर्ष बाद दो भागों में बंटे मिथिलांचल और कोसी के बीच सीधी ट्रेन सेवा शुरू होने जा रही है. इसको लेकर समस्तीपुर रेलमंडल ने तैयारियां पूरी कर ली है, 7 मई को झंझारपुर से आसनपुर- कुपहा नई रेलखंड और पैसेंजर ट्रेन का रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ करेंगे.

इस रेलखंड पर ट्रेन सेवा शुरू हो जाने के बाद सहरसा से दरभंगा की दूरी कम होने के साथ कोसी और मिथिलांचल के लोग ट्रेन सेवा से जुड़ जाएंगे. डीआरएम आलोक अग्रवाल ने बताया कि 7 मई को झंझारपुर से असानपुर कुपहा नई रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन शुरू होते ही सहरसा से सुपौल,निर्मली, तमुरिया झंझारपुर होते हुए दरभंगा तक रेल परिचालन शुरू हो जाएगा.इसके बाद से इस क्षेत्र के लोगों को आवाजाही के लिए ट्रेन सेवा का इंतज़ार खत्म हो जाएगा.
डीआरएम आलोक अग्रवाल ने आगे बताया कि हमारा झंझारपुर से आसानपुर कुपहा नया रेलखंड शुरू हो रहा है. जिसमे झंझारपुर से निर्मली अमान परिवर्तन किया गया है. वहीं, आसनपुर कुपहा से निर्मली नई रेललाइन बनी है. इस नए रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन नहीं हो रहा था. इस रेलखंड का उद्घाटन रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव 7 मई को 2 बजे करेंगे.
डीआरएम ने बताया कि इस रेलखंड पर परिचालन शुरू हो जाने से दरभंगा, झंझारपुर निर्मली, आसनपुर कुपहा,सरायगढ़ सुपौल होते हुए सहरसा से यह नया रेलखंड जुड़ जाएगा.इसके बाद रेल यात्री सुपौल से दरभंगा आना चाहते या दरभंगा से सहरसा जाना चाहते है, तो उन्हें कम समय मे पहुंचने के लिए ट्रेन सेवा मिलेगी. जिससे इस क्षेत्र का विकास भी होगा.इस रेलखंड पर परिचालन शुरू होते ही समस्तीपुर मंडल के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि होगी.
मिथिलांचल से कोसी क्षेत्रों में आने जाने वाले यात्रियों को लिए खुशियों भरी खबर है कि समस्तीपुर रेलमंडल ने इस नए रेलखंड पर डेमू शटल सेवा शुरू करने की योजना बना रही है. समस्तीपुर रेलमंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने बताया कि इस क्षेत्र लोग काफी संख्या में प्रतिदिन आवाजाही करते है.उसको ध्यान में रखते हुए डेमू सेवा शुरू किया जाएगा.उसके बाद मांग के अनुरूप भी ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
1887 में निर्मली और भपटियाही (सरायगढ़) के बीच मीटर गेज लिंक बनाया गया था जो 1934 में विनाशकारी भूकंप की वजह से यह रेल लिंक तबाह हो गया था। जिसके बाद से कोसी और मिथिलांचल दो भागों में बंट गया था. यहां ये बताना आवश्यक होगा कि 6 जून 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कोसी मेगा ब्रिज लाइन परियोजना की आधारशिला निर्मली के एक कॉलेज में आयोजित समारोह में रखी थी.ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु 1.9 किलोमीटर लंबा है और इसके निर्माण में 516 करोड़ रुपये की लागत आई थी.
इस रेलखंड पर बने कोसी महासेतु का पीएम नरेंद्र मोदी ने सितंबर माह 2022 में लोकार्पण किया था .पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि यह परियोजना 206 किलोमीटर लंबे सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली एवं सहरसा-फॉरबिसगंज आमान परिवर्तन परियोजना का भाग है. इस परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 1584 करोड़ रूपए है. झंझारपुर से आसनपुर कुपहा तक 38 किलोमीटर का कार्य 456 करोड़ रूपए की लागत से पूरी कर ली गई है.इसके बाद से कोसी और मिथिलांचल के लोगों के बीच जल्द ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी थी, वो सपना 7 मई को पूरी होने जा रही है.
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