सरकारी स्कूलों में इस बार सत्र की शुरुआत में ही बच्चों को किताबें मिल जाएंगी
पटना: राज्य के सरकारी स्कूलों में इस बार सत्र की शुरुआत में ही बच्चों को किताबें मिल जाएंगी. इसके लिए शैक्षणिक सत्र 24-25 की 80 प्रतिशत से अधिक किताबें प्रखंडों में पहुंच गयी हैं. अप्रैल के पहले सप्ताह में पहली से आठवीं बच्चों की ये किताबें स्कूलों को उपलब्ध करा दी जाएंगी.
स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को ये किताबें निशुल्क दी जाएंगी. वर्षों बाद इस बार समय पर बच्चों के हाथों में किताबें होंगी. इसको लेकर बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम की पूरी से पुख्ता तैयारी है. पहली से आठवीं के सवा करोड़ से अधिक बच्चों को किताबें दी जानी हैं. इसके लिए नौ करोड़ किताबें छपनी हैं, जिनमें सात करोड़ से अधिक जिलों में पहुंच गयी हैं. निगम का प्रयास है कि अंत तक लक्ष्य का शत-प्रतिशत किताबें प्रखंडों तक पहुंचा दी जाएं. स्कूलों में बच्चों की नियमित उपस्थिति के अनुसार यह संख्या तय की गई है. हालांकि, जरूरत हुई तो किताबों की संख्या बढ़ायी भी जा सकती हैं. कक्षावार किताबों का अलग-अलग सेट बनाकर प्रखंडों में पहुंचाया जा रहा है. बिहार और दूसरे राज्यों के कुल 56 प्रकाशकों के किताब छापने की जिम्मेदारी दी गई है. किताबों की छपाई के लिए कागज की उपलब्धता पहले ही सुनिश्चित कर दी गयी थी.
पांच जिलों में पहुंची 100 प्रतिशत किताबें
राज्य के चार जिले नालंदा, नवादा, शेखपुरा, अरवल और जहानाबाद में 100 प्रतिशत किताबें पहुंचा दी गयी हैं. वहीं, कुछ जिलों में 90 प्रतिशत से अधिक किताबें उपलब्ध करा दी गयी हैं.