बिहार

इस किसान ने बदला खेती का ट्रेंड, इजरायली तकनीक से शुरू की केले की खेती

Manish Sahu
20 Aug 2023 3:09 PM GMT
इस किसान ने बदला खेती का ट्रेंड, इजरायली तकनीक से शुरू की केले की खेती
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बिहार: आज के समय में कृषि के क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. किसान समय की बचत के साथ कम पूंजी लगाकर अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा के फिराक में लगे रहते हैं. इसके लिए उन्नत कृषि उपकरणों या भी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पारंपरिक खेती को बदलते हुए किसान अब आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. खासकर कृषि के क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ने से खेती का ट्रेंड भी बदलने लगा है.
जहां उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर न केवल सफल खेती कर रहे हैं बल्कि कम समय में दोगुना लाभ भी कमा रहे हैं. पहले किसानों को खेती करने में लंबा वक्त लग जाता था, लेकिन अब आधुनिक तकनीकों की मदद से युवा किसान उसी काम को कम समय में आसानी से पूरा कर रहे हैं. कुछ इस तरह की सीतामढ़ी के युवा किसान अनिकेत कुमार सिंह उर्फ मिट्ठू ने एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने के बाद 15 कट्ठे में आधुनिक तरीके से केले की खेती कर रहे हैं. खेती में ऑटोमेटिक रेन वाटर स्टोरेज की व्यवस्था सहित अपने फॉर्म हाउस को पॉली हाउस की तरह हीं बनाया है.
सीतामढ़ी जिला के पुनौरा के रहने वाले युवा किसान अनिकेत कुमार सिंह उर्फ मिट्ठू सिंह ने बताया कि आत्मा और बनारस विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर का ट्रेनिंग लेने के बाद आधुनिक तकनीक से 15 कट्ठे में केले की खेती कर रहे हैं हैं. केले में जी-9 किस्म का टिशू कल्चर लगाए हैं. उन्होंने बताया कि टिशू कल्चर को निकोटीन में पैदा किया जाता है. केले का पौधा उद्यान विभाग से मिला था. यह 12 महीने में तैयार होता है और 14 वें महीने में फल दे देता है. इससे पहले शिमला मिर्च का भी खेती की चुके हैं और अच्छा मुनाफा भी हुआ था.
इजरायली तकनीक से युवा किसान कर रहा है केले की खेती
युवा किसान अनिकेत कुमार सिंह ने बताया कि केले के पौधे को सींचने के लिए ऑटोमेटिक रेन सिस्टम से पानी का फुहार छोड़ा जाता है. जबकि नीचे से टपक सिंचाई की व्यवस्था है. सिंचाई पूरे खेत में जगह-जगह पाईप बिछाया गया है. जिसके हर एक फीट पर एक महीन छिद्र है, जो मिट्टी में नमी को बनाए रखने में मदद करता है. इस जी-9 वैरायटी के केले की खेती के लिए 40 से 45 डिग्री का तापमान चाहिए होता है, जो यहां के लिए सामान्य है. उन्होंने बताया की यह तकनीक इजराइल से आया है. खास बात है कि केले की खेती के लिए सरकार 90 फ़ीसदी अनुदान दे रही है.
एक बीघा में केले की खेती कर तीन लाख की कमाई
युवा किसान अनिकेत कुमार सिंह ने बताया कि तकनीक के जरिए खेती करने पर घाटा नहीं होगा. एक बीघा में 1100 केले का पौधा लगाते हैं. 300 रुपए के हिसाब से अगर केला बेचा जाए तो लगभग 3.5 लाख रुपए प्रति वर्ष कमाई होती है. उन्होंने बताया कि केले की कीमत पर्व के समय में दोगुना हो जाता है. पर्व में केले के एक थंब की कीमत 500 रूपए तक पहुंच जाता है. ऐसी स्थिति में किसानों की कमाई दोगुनी हो जाती है. सबसे खास बात यह है कि केला की खेती न्यूनतम खर्च पर अधिक मुनाफा देने वाला है. उन्होंने बताया कि फार्मींग से सम्बंधित कई तरह की ट्रेनिंग ले चुके हैं और किसान सलाहकार के तौर पर तीन से चार पंचायत से भी जुड़े हुए हैं. कुछ दिन पूर्व हीं बीएचयू से गो-पालन का भी प्रशिक्षण लिया है.
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