बिहार

6 साल की नौकरी में धनकुबेर बन गया बिहार का ये इंजीनियर

Manish Sahu
21 Sep 2023 4:47 PM GMT
6 साल की नौकरी में धनकुबेर बन गया बिहार का ये इंजीनियर
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बिहार: भागलपुर. बिहार के सरकारी महकमे में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है, इसकी बानगी एक बार फिर से देखने को मिली है. मामला भागलपुर से जुड़ा है जहां विद्युत आपूर्ति मण्डल साउथ बिहार कम्पनी लिमिटेड बांका में कार्यरत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता की काली कमाई सामने आई है. बांका के मकान, कार्यालय सहित मसौढ़ी, भागलपुर स्थित ससुराल और पूर्णिया के आवास पर सुबह से ही विशेष निगरानी की टीम के द्वारा छापेमारी की गई.
विशेष निगरानी की टीम को सूचना मिली थी कि इस इंजीनियर के पास आय से अधिक संपत्ति है, जिसकी शिकायत विभाग के ही किसी कर्मचारी के द्वारा विशेष निगरानी कार्यालय को दी गई थी. इसकी जांच करने के उपरांत विशेष निगरानी की टीम के द्वारा निगरानी कोर्ट से छापेमारी को लेकर आदेश मांगा गया. इसके बाद निगरानी कोर्ट के द्वारा छापेमारी का आदेश दे दिया गया और गुरुवार अहले सुबह से ही टीम ने चार जिलों में छापेमारी की शुरुआत कर दी.
बांका में उनके कार्यालय और आवास पर हुई छापेमारी के दौरान एक लाख रुपया निगरानी की टीम ने बरामद किया, वहीं भागलपुर स्थित ससुराल से 27 लख रुपए कैश मिले. यूको बैंक के एक लॉकर से 10 लाख रुपया बरामद किया गया. विशेष निगरानी के डीएसपी का कहना है कि 40 लाख रुपए की बरामदगी हुई है, वहीं 2 करोड़ से अधिक के जमीन के कागजात भी मिले हैं. आर्नामेंट्स, कई एफडी सहित विभिन्न प्राइवेट कंपनियों और एलआईसी में इन्वेस्टमेंट के कागजात मिले हैं.
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि अभी तक आय से कई गुना अधिक संपत्ति मिली है. विद्युत विभाग के कार्यपालका अभियंता ने महज 6 साल में ही यह अकूत संपत्ति हासिल कर ली है. सबसे पहले इंजीनियर की पोस्टिंग मसौढ़ी में हुई थी. उसके बाद भागलपुर पश्चिम और भागलपुर पूर्वी में ये पदस्थापित थे. इसके बाद वो बांका में अभी वर्तमान में पदस्थापित हैं. इस बारे में जब संजीव गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई तब अब कुछ भी बोलने से बचते रहे और भागते नजर आए.
सूत्रों की मानें तो विभाग के कर्मचारियों के द्वारा ही विशेष निगरानी की टीम को सूचना दी गई थी. दरअसल विभाग के एक कर्मचारी से इन्होंने पैसे की मांग की थी लेकिन छापेमारी के दौरान सूचना देने वाले कर्मचारी ने लिखित शिकायत नहीं दी. अगर कर्मचारियों के द्वारा लिखित शिकायत की जाती तो कार्यपालक अभियंता की गिरफ्तारी भी हो सकती थी. वहीं बताया जा रहा है कि कैश, आर्नामेंट्स और जमीन के पेपर मिलाकर करोड़ों की संपत्ति बताई जा रही है. विद्युत कार्यपालक अभियंता के घर से मिले अकूत संपत्ति को लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों में विशेष निगरानी की टीम की हुई इस कार्रवाई को लेकर अधिकारी के बीच चर्चा का माहौल बना रहा.
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