बिहार

बिहार का ये क्रिकेटर तीन दफे सीआरपीएफ में सिपाही की नौकरी के लिए परीक्षा दी थी, लेकिन पास नहीं कर पाये, अब टीम इंडिया में हुआ सेलेक्शन

Renuka Sahu
3 Oct 2022 2:19 AM GMT
This cricketer from Bihar had given examination for the job of constable in CRPF thrice, but could not pass, now selection in Team India
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न्यूज़ क्रेडिट : firstbihar.com

ऑटो चला कर परिवार चलाने वाले पिता चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑटो चला कर परिवार चलाने वाले पिता चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे. अपने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए मुकेश कुमार ने तीन दफे सीआरपीएफ में सिपाही की नौकरी के लिए परीक्षा दी थी, लेकिन पास नहीं कर पाये. बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहने वाले मुकेश कुमार का सेलेक्शन अब टीम इंडिया में हो गया है. मुकेश को अब अफसोस सिर्फ इस बात का है कि उनकी जिंदगी का ये सबसे बड़ा दिन देखने के लिए उनके पिता जीवित नहीं हैं.

रविवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 6 अक्टूबर से होने वाली घरेलू वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया की घोषणा कर दी, जिसमें मुकेश कुमार को पहली बार जगह दी गई है. मुकेश कुमार मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. वैसे वे बंगाल से रणजी क्रिकेट खेलते हैं. मुकेश के टीम इंडिया में चयन के बाद बिहार के खिलाडियों में खुशी की लहर है. इस टीम में पटना के ईशान किशन का भी चयन हुआ है. टीम इंडिया में ऐसा पहली बार होगा जब बिहार के दो खिलाड़ी एक साथ खेलेंगे.
मेहनत से मिला मुकाम
एक समाचार एजेंसी से फोन पर बात करते हुए मुकेश कुमार ने कहा कि उन्हें अपने पिता स्व. काशीनाथ की याद आ रही है. काश वे ये दिन देख पाते. मुकेश कुमार ने कहा कि उनके पिता कोलकाता में ऑटो चलाया करते थे. उनकी इच्छा थी कि बेटे को इतना कष्ट नहीं उठाना पड़े. वे चाहते थे कि मुकेश सरकारी नौकरी करे. अपनी पिता की इच्छा पूरी करने के लिए ही मुकेश सीआरपीएफ में जाना चाहते थे.
पश्चिम बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने वाले मुकेश तेज गेंदबाज हैं. मुकेश ने हाल में इंडिया-ए और न्यूजीलैंड-ए टीम के बीच टेस्ट मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. उन्होंने इस चार दिवसीय मैच में चार विकेट लिया था और सीरीज के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बन कर उभरे थे. इसके बाद से बीसीसीआई की नजर मुकेश पर टिकी हुई थी. शनिवार को भी ईरानी ट्रॉफी के मैच में मुकेश ने सौराष्ट्र के खिलाफ अच्छी गेंदबाजी करते हुए चार विकेट लिए थे.
गोपालगंज से की थी शुरूआत
मुकेश कुमार ने क्रिकेट खेलने की शुरूआत गोपालगंज से ही की थी. गोपालगंज में आयोजित प्रतिभा तलाश प्रतियोगिता में उनकी गेंदबाजी को देखकर हर कोई प्रभावित हुआ था. उसके बाद ही उनका सेलेक्शन अंडर-19 गोपालगंज जिला क्रिकेट टीम में हुआ था. लेकिन तब बिहार क्रिकेट एसोसियेशन को बीसीसीआई ने मान्यता नहीं दे रखी थी. लिहाजा क्रिकेट में करियर आगे बढ़ाने के लिए मुकेश बंगाल चले गये. जल्द ही उनका चयन बंगाल की राज्य क्रिकेट टीम में हो गया और फिर उन्होंने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा. मुकेश रणजी ट्रॉफी के लगातार दो सीजन में 30 से ज्यादा विकेट लेकर चयनकर्ताओं की नजर में आए और फिर उनका सेलेक्शन इंडिया-ए टीम में हुआ. वहां भी बेहतर प्रदर्शन के बाद उन्हें चीम इंडिया में जगह दी गयी है.

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