मुजफ्फरपुर: विपक्षी एकजुटता का चौथा और सबसे अहम पड़ाव मुंबई होगी. वहां 31 अगस्त और 1 सितंबर को दो दर्जन से अधिक दलों का महाजुटान होगा. इंडिया गठबंधन की इस बैठक में सीटों के बंटवारे पर राज्यवार मंथन होगा.
हर बैठक में दलों की संख्या बढ़ी विपक्षी एका के सूत्रधार नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से संकेत दे रहे हैं कि कुछ और दल मुंबई समिट में शामिल होंगे. इस तरह हर बैठक में दलों की संख्या क्रमवार बढ़ी है. दलों को जोड़ने की कोशिशें अभी जारी है. पटना में 23 जून की बैठक में 15 तो 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में 26 दल शामिल हुए. तीसरी बैठक में यह आंकड़ा ढाई दर्जन दलों तक पहुंचने की उम्मीद है. पहला पड़ाव नीतीश कुमार का संपर्क अभियान था, जिसके तहत उन्होंने दिल्ली और अलग-अलग राज्यों में जाकर कांग्रेस, वाम दलों समेत क्षेत्रीय दलों के शीर्ष नेताओं को विपक्षी एकजुटता के लिए राजी किया.
सीट बंटवारे पर जोर मुंबई की बैठक इसलिए भी अहम होगी कि इसमें सीटों के बंटवारे का फार्मूला तैयार होना है. इसी पहलू पर सबका जोर है. जब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो जाता, विपक्षी दलों की साझा मुहिम बैठकों से आगे नहीं बढ़ पाएगी. नीतीश कुमार जोर देकर कह रहे हैं कि हम चाहते हैं कि सब कुछ जल्द से जल्द तय हो जाए कि कौन कहां से लड़ेगा. जानकारों का कहना है कि मुंबई बैठक में सीटों के बंटवारे पर राज्यवार चर्चा होगी. दलों के जनाधार और बीते चुनावों की कामयाबी को आधार बनाकर मंथन होने की संभावना है. इस पर सहमति बनते ही बाकी गुत्थियों को सुलझाना आसान हो जाएगा. विपक्ष की रणनीति है कि एनडीए के खिलाफ हर सीट पर एक ही साझा उम्मीदवार उतारा जाए. ऐसा होने पर ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को मजबूत चुनौती दी जा सकती है. 2024 में उनके विजय रथ को रोका जा सकता है, इस पहलू पर आईएनडीआईए में शामिल दलों में आम सहमति तो है लेकिन इसके फार्मूले पर मुंबई बैठक में बात कितनी बन पाती है, यह महत्वपूर्ण होगा.
कई अहम मुद्दे एजेंडे में सूत्रों का कहना है कि सीटों के बंटवारे पर इंडिया में शामिल दलों ने अपनी-अपनी राज्य इकाइयों का फीडबैक ले लिया है और इसके आधार आरंभिक चर्चा भी हुई है. मुंबई बैठक के एजेंडे में संयोजक या संयोजकों के नाम, साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करने के लिए कमेटी का गठन, साझा चुनाव अभियान और गठबंधन के लोगो की रूपरेखा आदि भी शामिल है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके पुत्र उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुंबई पहुंच गए. वैसे दो दिन पहले मुंबई जाने के बारे में बताया गया कि लालू प्रसाद का मेडिकल चेकअप होना है. लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता शरद पवार के अजित पवार पर दिए हालिया बयानों से जो संशय की स्थिति बनी है, उसका समाधान ढूंढ़ना भी मकसद हो सकता है. लालू उनसे मिलकर उनका मन टटोलने की कोशिश कर सकते हैं. इंडिया गठबंधन में शरद पवार की भी अपनी अहमियत है. उनके बने रहने से पश्चिम के राज्यों में बड़ा संदेश जाएगा.