मोतिहारी न्यूज़: चार वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए कॉलेजों के बीच करार किया जायेगा. पिछले दिनों राजभवन में हुई बैठक में यह निर्देश सभी विश्वविद्यालयों को दिया गया. जिस कॉलेज में जिस कोर्स की पढ़ाई नहीं होगी, छात्र वह कोर्स दूसरे कॉलेज से कर सकेंगे.
एलएस कॉलेज में अगर किसी कोर्स की पढ़ाई नहीं होती और छात्र माइनर विषय के तौर पर उस विषय को लेना चाहता है तो एलएस कॉलेज का करार जिस कॉलेज से होगा, छात्र वहां पढ़ने जायेगा. बिहार विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. अभय कुमार सिंह ने बताया कि इससे छात्रों को अपना पसंदीदा कोर्स पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी.
बिहार विश्वविद्यालय के कॉलेजों में सभी कोर्स नहीं होते हैं. एलएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो ओपी राय ने बताया कि राजभवन की बैठक में करार करने की बात कही गई है. हमारे कॉलेज में अभी होम साइंस की पढ़ाई नहीं होती है. अगर कोई छात्रा होम साइंस लेगी तो करार वाले कॉलेज में यह कोर्स करने जाना होगा. आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य प्रो ममता रानी ने बताया कि हमारे कॉलेज में भूगोल, समाजशास्त्रत्त्, प्राचीन भारत जैसे विषय नहीं हैं, इसके लिए दूसरे कॉलेज से करार किया जायेगा.
आसपास के कॉलेजों से होगा करार राजभवन ने निर्देश दिया है जो भी एमओयू साइन किये जायें वह आसपास कॉलेजों से ही किये जायें. आसपास के कॉलेजों से अलग जाकर करार करने पर विद्यार्थियों को कक्षा करने में दिक्कत होगी. जिस कॉलेज से करार किया जायेगा, विद्यार्थी का अटेंडेंस और इंटरनल भी उसी कॉलेज में तैयार किया जायेगा. अंतर कॉलेज करार के अलावा अंतर विवि एमओयू करने भी विचार करने को राजभवन ने कहा है. आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य प्रो ममता रानी ने बताया कि अगर छात्राएं चाहेंगी तो दूसरे विवि से भी हमारा कॉलेज करार करेगा.