विश्वविद्यालयों का सत्र सुधारने के लिए मूल्याकंन में होगा बदलाव
मुजफ्फरपुर न्यूज़: राज्य के विश्वविद्यालयों में सत्र सुधारने के लिए कॉपियों के मूल्याकंन में बदलाव किया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से बनाई गई नौ सदस्यीय कमेटी ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई बड़े बदलाव करने का सुझाव दिया है. इस कमेटी के संयोजक पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रो. आरके सिंह हैं.
कमेटी ने जो रिपोर्ट तैयार किया है, इसके मुताबिक विश्वविद्यालयों को अब अपने ही विवि में कॉपियों का मूल्यांकन कराना होगा. ताकि समय पर कॉपियों का मूल्यांकन कराया जा सके. साथ ही परीक्ष शुरू होने से पूर्व ही सभी विश्वविद्यालयों को कॉपियों के मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय के शिक्षकों की सूची तैयार करा लेनी होगी. कॉपियों के मूल्यांकन में शिक्षकों की ड्यूटी को अनिवार्य करना होगा. इसमें कोताही को बर्दास्त नहीं की जाएगी.
कमेटी ने साफतौर पर कहा कि मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों का भुगतान निर्धारित समय-सीमा के अंदर करना होगा. अक्सर देखा गया है कि कॉपियों के मूल्यांकन के बाद शिक्षकों को भुगतान में समय लगा दिया जाता है. जिसकी वजह से शिक्षक कॉपियों के मूल्यांकन नहीं करना चाहते हैं. नौ सदस्यीय कमेटी जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी. यह रिपोर्ट शिक्षा विभाग को दिया जाएगा. शिक्षा विभाग राजभवन को रिपोर्ट सौंपेगी. कमेटी में सदस्य के तौर पर पूर्व कुलपति प्रो. आरके वर्मा, पूर्व प्राचार्य बबन सिंह, एमएलसी प्रो. रामबली चन्द्रवंशी, चितरंजन सिंह सेवानिवृत्त आईएएस, डॉ. हबिबुल्लाह अंसारी, विनोद कुमार को रखा गया है.
बता दें कि वश्वविद्यालयों में सत्र विलंब होने का सबसे बड़ा कारण समय पर कॉपियों का मूल्यांकन नहीं होना है. कॉपियों के मूल्यांकन कराने में ही चार से पांच का महीने का समय लगा जाता हैं, जिस वजह से समय पर परीक्षा परिणाम जारी नहीं होता है.