बिहार की राजधानी पटना समेत राज्य के अधिकतर जिलों में दो दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया है कि मॉनसून के दोबारा सक्रिय होने से बारिश के आसार बने हुए हैं। अगले दो दिनों तक राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिलों में बारिश के अलावा कुछे हिस्सों में वज्रपात की आशंका भी जताई गई है।
पटना समेत राज्ध के अधिकतर हिस्सों में पूर्वी व दक्षिण पूर्वी हवा का प्रवाह बना हुआ है। मॉनसून ट्रफ रेखा, गंगानगर, रोहतक, डेहरी ऑनसोन, बालासोर होते बंगाल की खाड़ी तक विस्तारित है। झारखंड में चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र भी बना हुआ है। इन हवाओं के प्रभावस्वरूप बिहार के उत्तर पश्चिम व उत्तर पूर्व, पूर्वी तथा दक्षिण पश्चिमी भाग में अगले दो दिनों तक हल्की से मध्यम स्तर की बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है।
इससे पहले पटना समेत बिहार के कई जिलों में गुरुवार को हल्के से मध्यम स्तर की बारिश से मौसम सुहाना हो गया। बुधवार को राजधानी में हुई बारिश से पैदा हुई उमस का दौर गुरुवार को भी राजधानी में बना रहा लेकिन कई हिस्सों में छिटपुट बारिश से मौसम में नरमी देखी गई। राजधानी समेत राज्य भर के तापमान में कमी दर्ज की गई है। पटना के तापमान में पिछले दो दिनों में छह डिग्री से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। राज्य के किसी भी जिले में तापमान 40 डिग्री से पार नहीं हुआ। गुरुवार को पटना का अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सूबे में सबसे ज्यादा तापमान भागलपुर व सीतामढ़ी के पुपरी में दर्ज किया गया। दोनों जगहों पर अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनु्सार, गुरुवार को नवादा जिले में सर्वाधिक बारिश हुई। यहां 41.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा छपरा, खगड़िया, बांका, कैमूर, रोहतास, जमुई, बांका, पटना, पूर्णिया, सुपौल और सहरसा समेत कई जिलों में बारिश से खेती किसानी का काम शुरू हो चुका है। जिन जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई है, वहां के किसान खेतों की जुताई करके धान रोपनी में जुट गए हैं। जबकि दो दिनों में हुई हल्की बारिश से पहले से रोपे गए धान की फसल को संजीवनी मिली है।