गया न्यूज़: बथानी में बाजार स्थित तालाब के पास की देर रात एक फूस का घर जलकर पूरी तरह राख हो गया. वहीं, आग लगने की सूचना पर पहुंची दमकल में पानी ही नहीं था. दमकल में पानी नहीं होने के कारण घर के कमरे में सोए तीन लोग बुरी तरह झुलस गए, जबकि घर का पूरा सामान जलकर राख हो गया.
वहीं, इस भयावह हादसे के बाद जब गृहस्वामी सत्येंद्र अपने परिजनों के इलाज के लिए मगध मेडिकल जाने लगे तो उन्हें मगध मेडिकल की जगह एंबुलेंस ने दबाव बनाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां उनसे इलाज के एवज में एक मोटी रकम मांगी गई. बहरहाल निजी अस्पताल से फिर मगध मेडिकल में सत्येंद्र मिस्त्री ने झुलसी अपनी बहू सुनीता देवी, बेटी रीता कुमारीव पोता सोनू कुमार को भर्ती कराया.
ग्रामीणों की मानें तो अगलगी की घटना को रोकी जा सकती थी, लेकिन समय पर सूचना मिलने के बाद दमकल नहीं पहुंचा और देखते ही देखते पूर घर जलकर राख हो गया.
दमकल में नहीं था पानी ग्रामीणों ने बताया कि सत्येंद्र मिस्त्रत्त्ी के घर में आग लगने की सूचना थाना को दी गई. सूचना मिलने के बाद मौके पर दमकल तो आई, लेकिन उसमें पानी ही नहीं था. इस बीच आग तेजी के साथ फैलती चली गई और देखते ही देखते सत्येंद्र मिस्त्रत्त्ी के घर में रखे 40 हजार नकद समेत कपड़ा, बर्तन, जेवर सहित लाखों रुपए मूल्य का सामान स्वाहा हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि पहले दमकल की गाड़ी बथानी थाना में रहती थी, लेकिन उसे फायर पदाधिकारी की ओर से महकार में शिफ्ट करा दिया गया है, जहां से आने में गाड़ी को घंटो लग गया. यदि बथानी थाना में दमकल की गाड़ी होती तो वह समय से घटनास्थल पर पहुंच जाती.
एंबुलेंस वाला लेकर चला गया निजी अस्पताल आग में झुलसे तीनों लोगों को जेपीएन लाया गया, लेकिन गंभीर स्थिति देखते हुए डॉक्टरों ने सभी को मगध मेडिकल के लिए रेफर कर दिया. हद तो तब हो गई जब एंबुलेंस वाले मगध मेडिकल ले जाने के बजाए सभी एक निजी अस्पताल लेकर चले गए.
पीड़ितों की मानें तो उन्हें एंबुलेंस वालों की तरफ से इतना प्रेशर डाला गया कि वे उनकी बातों में आ गए और वहां जाने के बाद उन्हें आर्थिक सामना करना पड़ गया.