बिहार

भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की थी मुहिम, फुलवारीशरीफ आतंकी मॉड्यूल की जांच करेगी NIA

Admin4
22 July 2022 5:05 PM GMT
भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की थी मुहिम, फुलवारीशरीफ आतंकी मॉड्यूल की जांच करेगी NIA
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फुलवारीशरीफ में पीएफआई के मिशन-2047 और गजवा-ए-हिन्द के जेहादी मॉड्यूल के खुलासे के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की जांच एनआईए को सौंपने के निर्देश दिए हैं। मोतिहारी के अली असगर उर्फ अब्दुल्लाह बिहारी की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता ने सबको चौंका दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार अली असगर बहुत ही कट्टर स्वभाव का है और भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की मुहिम में वह आतंकी संगठन जेएमबी के साथ मिलकर काम कर रहा था।

एनआईए ने 19 जुलाई को ढाका के सिसवनिया के मदरसा में छापेमारी की थी। वहां से अली असगर को पहले हिरासत में लिया फिर उसकी गिरफ्तारी हुई। एनआईए के मुताबिक असगर लोगों को जेहाद के लिए भड़काता था। इसके लिए वह नफरत भरे पोस्ट तैयार करता और ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उसे अलग-अलग ग्रुप में पोस्ट करता था। ऐसा करने के पीछे उसका मकसद लोगों के बीच नफरत फैलाना और जेहाद के लिए तैयार करना था।

एनआईए करेगी जांच

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बिहार के फुलवारी शरीफ मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया, जिसके चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंध हैं। एनआईए मामले को संभालने की प्रक्रिया में है, क्योंकि उसे हाल ही में बिहार पुलिस द्वारा "आतंकवादी मॉड्यूल" मामले की जांच के लिए एमएचए का आदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें पीएफआई के साथ "उनके" संबंध के लिए तीन लोगों की गिरफ्तारी और "भारत विरोधी" गतिविधियों में शामिल होने की उनकी योजना थी।

जेएमबी से जुड़े हैं असगर के तार

गिरफ्तार असगर के तार बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) से जुड़े हैं। एनआईए के मुताबिक भोपाल में इसी वर्ष अप्रैल में जेएमबी के लिए काम करनेवाले छह संदिग्धों को गिरफ्तार गया था, जिसमें तीन बांग्लादेशी नागरिक हैं। यह ग्रुप देश में जेएमबी का फैलाव करने और युवाओं को भारत के खिलाफ जेहाद के लिए उकसाने में लगा था। भोपाल में गिरफ्तार जेएमबी के आतंकियों से असगर की गहरी साठगांठ सामने आने के बाद उसके ठिकाने पर छापेमारी की गई। उसके संबंध बांग्लादेश और भारत में मौजूद कई अन्य संदिग्धों से हैं जिनके आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का शक है। उनतक संदेश भेजने के लिए असगर सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल करता था ताकि जांच एजेंसियों को उसके मकसद की भनक न लग पाए।

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