बिहार

सदर अस्पताल में नहीं हैं एक भी सर्जन

Admin Delhi 1
22 Aug 2023 8:22 AM GMT
सदर अस्पताल में नहीं हैं एक भी सर्जन
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ऑपरेशन सेवा हुई ठप

मुंगेर: जिले की 14 लाख की आबादी पर एक भी सर्जन चिकित्सक नही रहने के कारण ऑपरेशन वाले मरीज को निजी नर्सिंग होम में मोटी राशि खर्च कर ऑपरेशन कराने के लिए विवश होना पड़ रहा है. अन्यथा ऑपरेशन वाले मरीज भागलपुर या पटना रेफर कर दिए जा रहे हैं. सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार समूचे जिले में डॉक्टर के 242 पद स्वीकृत हैं, इसके विरूद्ध मात्र 94 डॉक्टर कार्यरत हैं. इसके अलावा सदर अस्पताल जहां जमालपुर और मुंगेर के अलावा जिले के पीएचसी से रेफर होकर मरीज पहुंचते हैं.

सदर अस्पताल में भी डॉक्टर के स्वीकृत 32 पद में से 15 डॉक्टर कार्यरत हैं. लेकिन एक भी सर्जन नहीं रहने के कारण किसी मरीज का ऑपरेशन सरकारी अस्पताल या सदर अस्पताल में नहीं हो पा रहा है. सदर अस्पताल में सर्जन चिकित्सक नहीं रहने के कारण बिना एडमिट किए ही ऑपरेशन वाले मरीजों को रेफर टू सर्जन लिख कर भागलपुर या पटना रेफर कर दिया जाता है.

दो निजी सर्जन को भी हटा दिया गया सदर अस्पताल में 2 निजी सर्जन चिकित्सक सिविल सर्जन के अनुरोध पर पिछले कुछ माह से सेवा दे रहे थे. सर्जन डा.नीलकेतु मंगलवार को और डा.विक्रांत शर्मा प्रत्येक सदर अस्पताल में सेवा देकर मरीजों के हाईड्रोसिल और हर्नियां जैसे ऑपरेशन कर रहे थे. परंतु विभागीय सचिव के आदेश पर सिविल सर्जन द्वारा पिछले दिनों आदेश जारी किया गया कि अस्पताल में कोई बाहरी व्यक्ति सेवा नहीं देंगे. इस आदेश के बाद अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा दोनों निजी सर्जन डाक्टर और इमरजेंसी वार्ड में सेवा दे रहे पारा मेडिकल इंस्टीच्यूट के छात्रों को सेवा देने से मना करते हुए हटा दिया गया. जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है.

सुविधा नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सीताकुंड निवासी 22 वर्षीय महिला कविता कुमारी पति विश्वजीत कुमार एडमिट हुई. उसे अपेण्डिक्स के कारण तेज पेट दर्द था. अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के अनुसार उसका अपेण्डिक्स का ऑपरेशन होना था. परंतु इमरजेंसी वार्ड में जरूरी दवा देकर मरीज के पुर्जी पर रेफर टू सर्जन लिख कर रेफर कर दिया गया. की सुबह भी 2 वर्षीय बच्चा आलोक कुमार जिसके माथे के पिछले हिस्से में गंभीर जख्म था. परिजन उसे लेकर इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे. इमरजेंसी वार्ड के डाक्टर ने बच्चे का ऑपरेशन बताते हुए उसे बिना एडमिट किए रेफर कर दिया. इस पर परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों को काफी खरी-खोटी भी सुनाई.

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