बिहार

रोहतास में सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं है, शहर से दो शामिल हैं, फिर मिले तीन दस्तावेज, आंकड़े का दस्तावेजीकरण 22

SANTOSI TANDI
28 Sep 2023 6:59 AM GMT
रोहतास में सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं है, शहर से दो शामिल हैं, फिर मिले तीन दस्तावेज, आंकड़े का दस्तावेजीकरण 22
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शहर से दो शामिल हैं, फिर मिले तीन दस्तावेज, आंकड़े का दस्तावेजीकरण 22
बिहार प्रदेश समेत जिले में भी डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है. राज्य में एक दर्जन से अधिक डेंगू मरीज की मौतें होने की बात कही जा रही है. जबकि, जिले की डेहरी में एक डेंगू मरीज की मौत हुई है. वहीं, 500 से अधिक संदिग्ध डेंगू संक्रमित मिले हैं.
विगत दिनों एक साथ तीन लोगों में डेंगू की पुष्टि के साथ ही डेंगू के मरीजों की सरकारी आंकड़ा जिले में 22 तक पहुंच गई है. इन सबके बीच जिले में डेंगू ने तेजी से पैर फैलाना शुरू कर दिया है. लेकिन, जिले में डेंगू पीड़ित मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है. निजी स्तर पर सिर्फ नारायण मेडिकल कॉलेज में ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था है. सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा नहीं होने से डेंगू होने पर मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. इलाज के लिए मरीजों को वाराणसी व पटना की दौड़ लगानी पड़ रही है. हालांकि, डेंगू के एलाइजा टेस्ट की सुविधा सदर अस्पताल की ब्लड बैंक में है. जहां से डेंगू मरीजों की पुष्टि हो रही है. एक सप्ताह में छह लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है. एक सप्ताह पूर्व डेंगू के मरीजों की संख्या जिले में 15 थी.
बताया जाता है कि डेंगू के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राज्य से सभी जिले को पत्र लिखा गया है, जिसमे डेंगू से निपटने को लेकर ब्लड प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने को निर्देश दिए गए हैं. जिसमें मुख्यत ब्लड प्लाज्मा प्लेटलेट्स को संग्रहित करना है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से फरमान जारी किया गया है, लेकिन पूरे जिले में नारायण मेडिकल कॉलेज को छोड़ कर कहीं भी ब्लड सेपरेशन मशीन नहीं है. उक्त मशीन के माध्यम से ही ब्लड में से प्लेटलेट्स को अलग कर मरीज को चढ़ाया जाता है. मालूम हो कि डेंगू होने पर सबसे पहले ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं. ऐसे में मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ती है. इस दौरान ब्लड डोनर की ब्लड से प्लेटलेट्स को मशीन द्वारा निकालकर प्लेटलेट्स को डेंगू पीड़ित मरीज को चढ़ाया जाता है. डोनर को बिना प्लेटलेट्स वाला ब्लड फिर से चढ़ा दिया जाता है. सदर अस्पताल के ब्लड बैंक की प्रभारी डा. संध्या सिंह का कहना है कि हमारे पास ब्लड से प्लेटलेट्स को निकाल कर पीड़ित मरीज को चढ़ाने की कोई व्यवस्था नहीं है. डेंगू जांच के लिए एलाइजा जांच मशीन है. सैंपल आने पर नियमित जांच की जा रही है.
फिर तीन डेंगू मरीज आए हैं सामने वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी जेपी गौतम में कहा कि कि सदर अस्पताल जांच के दौरान अब तक 22 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. जिनका उपचार चल रहा है. विगत दिनों मिले तीन डेंगू मरीज भी खतरे से बाहर है. कई स्वस्थ्य भी हुए हैं. बताया कि 21 सितंबर को मिले तीन डेंगू मरीजों में दो शहर के कंपनी सराय व फजलगंज मोहल्ला के निवासी हैं तो तीसरा करगहर के तेनुआ का रहने वाला है. डेंगू का मुख्य वजह जलजमाव व गंदगी है.
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