नवनिर्मित पटना-बक्सर फोरलेन पर आए दिन लगातार सड़क हादसों में हुई बढ़ोत्तरी
बक्सर: जिला मुख्यालय को चारों दिशाओं से जोड़ने वाली नेशनल व स्टेट हाईवे के साथ-साथ नवनिर्मित पटना-बक्सर फोरलेन पर आए दिन लगातार सड़क हादसों में बढ़ोत्तरी हो रही है.
जिला परिवहन कार्यालय और यातायात पुलिस द्वारा रोड सेफ्टी को लेकर चलाये जाने वाले अभियान के बावजूद लोगों में जागरूकता का अभाव झलकता है. हाईवे व खाली पड़े सड़कों पर फर्राटा भरने की चाह में अबतक दर्जनों लोग अपनी जिंदगियां गंवा चुके है. जबकि, कई लोग अपंग बनकर जिल्लत की जिंदगी जी रहे है. बक्सर-पटना फोरलेन पर अक्सर देखा जाता है कि लोग वाहनों को सड़क पर ही जहां-तहां खड़े करके छोड़ देते है. दूसरी तरफ फोरलेन के दोनों तरफ बक्सर से प्रताप सागर तक जगह-जगह यूरिया पंप वाले समेत अन्य दुकानदारों ने फोरलेन की सड़क तक अतिक्रमण किया हुआ है. ऐसे में चालक अपने वाहनों को फोरलेन के मुख्य सड़क पर ही गाड़ियों को खड़ा करने को विवश हो जाते है. इसके अलावा बाइक में लगे साइड मिरर को हटाकर चलाने का ट्रेंड चलता आ रहा है. चालक को इसकी उपयोगिता का पता होने के बावजूद हेलमेट की तरह नजरअंदाज करते है.
बक्सर से कोईलवर तक कुल करीब 92 किलोमीटर लंबी सड़क पर कई ऐसे डेंजर जोन है, जहां आए दिन सड़क हादसे हो रहे है. खुद यातायात पुलिस इंस्पेक्टर संजय कुमार रजक का मानना है कि यहां चार ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया गया है. इनमें नया भोजपुर ओपी अंतर्गत प्रताप सागर, कृष्णाब्रह्म ओपी अंतर्गत कृत सागर, औद्योगिक थाना अंतर्गत दल सागर और ब्रह्मपुर थाना अंतर्गत देवकुली को ब्लैक स्पॉट के रूप में दर्ज किया गया है. बताया कि सड़क पर जिस जगह बार-बार हादसे होते हैं, उन्हें ‘ब्लैक स्पॉट’ कहा जाता है. सरकार की ओर से किसी सड़क, हाइवे, एक्सप्रेस वे पर अगर एक ही जगह तीन साल में पांच सड़क हादसे हो जाएं. इसके अलावा किसी जगह पर तीन साल में दस मौत हो जाएं तो उसे ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है. हादसे के आस-पास का 500 मीटर का एरिया ब्लैक स्पॉट माना जाता है.
बड़े व ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन बढ़ गया भरौली-बक्सर के बीच गंगा नदी पर नवनिर्मित पुल चालू होने से शहर के अंदर व बाहरी मार्गों पर बड़े व ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन काफी बढ़ गया है. वाहनों की आवाजाही जैसी ही बढ़ी अचानक हादसों में वृद्धि हो रही है. दो दिन पहले ही फोरलेन पर पड़री के पास गलत दिशा से आ रहा डीसीएम एक ट्रक से टकरा गया. जिसमें डीसीएम का चालक बुरी तरह जख्मी हो गया था. वहीं अरियांव से भादी गांव को जोड़ने वाली अधूरी सड़क राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बनी है. इसके अलावा इटाढ़ी, राजपुर, सिमरी, चौसा व अन्य प्रखंडों में स्थित सड़कों में जगह-जगह गड्ढे होने से हर दिन बड़े-छोटे वाहन फंस कर या तो पलट जाते है या फिर यातायात को प्रभावित कर देते है. कुछ ऐसा ही दृश्य कुछ दिनों पूर्व बक्सर-चौसा स्टेट हाईवे पर गोपालनगर चकिया के समीप देखने को मिला. जहां ई-रिक्शा व अन्य वाहन के पलटने से कई लोग चोटिल हुए. सड़क हादसे के शिकार से पुलिस व प्रशासन के लोग भी अछूते नहीं है. बीते माह की 27 फरवरी को फोरलेन पर रामगढ़ के पास गश्ती कर रहे पुलिस जिप्सी में कंटेनर के टक्कर मारने से एक एएसआई सहित पांच पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे.