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बिहार : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हाल में ही रामचरितमानस को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इसके बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई थी। बिहार सरकार में शामिल चंद्रशेखर लालू यादव की पार्टी राजद कोटे से मंत्री हैं। अब इसीकड़ी में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का भी नाम सामने आ गया है। दरअसल, शिवानंद तिवारी ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट भी है और हीरा मोती भी है। उन्होंने राम मनोहर लोहिया का हवाला देते हुए यह भी कहा कि कूड़ा करकट बाहर ने के चक्कर में हीरा मोती को नहीं बाहर देना चाहिए और हीरा मोती खाने के चक्कर में कूड़ा करकट नहीं खा लेना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने चंद्रशेखर के बयान पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले पर पार्टी की मीटिंग में तय हो गई जिसमें तेजस्वी यादव भी मौजूद रहेंगे। इसी मीटिंग में तय होगा कि इस पर क्या करना है। दूसरी ओर बिहार के शिक्षा मंत्री अपने बयान पर कायम हैं। उनसे आज भी सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा कि मैं एक ही बात कितनी बार कहता हूं? मैं सच बोलता हूं, मैं उस पर कायम हूं। कोई कुछ भी कहे मुझे उससे क्या लेना-देना?" उनके टिप्पणी से उपजे विवाद के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि वह इस मामले में अपने कैबिनेट सहयोगी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर से बात करेंगे।
चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 'रामचरितमानस' पर टिप्पणी की थी। बाद में पत्रकारों द्वारा चंद्रशेखर से उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर वह अपनी बात पर अड़े रहे और कहा, ''मनु स्मृति, रामचरितमानस और 'बंच ऑफ थॉट्स' (आरएसएस विचारक एम.एस. गोलवलकर द्वारा लिखित) ने समाज में नफरत को बढ़ावा दिया है। यही कारण है कि इन (कार्यों) को दलितों और ओबीसी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।''
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