मधुबनी: शहर के गीले कचरे से वर्मी कंपोस्ट बनाने का कम ठप हो गया है. कचरा का प्रसंस्करण कर वर्मी कंपोस्ट बनाने का कार्य शुरू होने के लगभग तीन माह ही बंद हो गया है. यहां पर बनाये जाने वाले कंपोस्ट की मांग शहर में लगातार बढ़ने लगी थी. आसपास के किसान और शहर में वाटिका लगाने वाले पेशेवर व शौकिया भी अब इसकी मांग करने लगे थे. क्योंकि यहां से उत्पादित वर्मी कंपोस्ट डालने के बाद पौधे में काफी वृद्धि हुई और किसानों को भी अच्छी फसल की उम्मीद थी. लेकिन जब रफ्तार पकड़ने की बारी आयी तो इसे बंद कर दिया गया. इस पिट पर वर्मी कंपोस्ट निर्माण के लिए आजीविका मिशन से जुड़ी महिला कर्मी को लगाया गया था. पिट निर्माण पर 15 लाख से अधिक हो चुका है खर्च
नगर निगम के द्वारा मूसा नगर के पास तीन पिट का निर्माण कराया गया है. इसके निर्माण पर अबतक 15 लाख से अधिक की राशि खर्च किये जा चुके हैं. वहीं प्रतिमाह इस के लिए 27 हजार किराया दिया जा रहा है. जबकि यहां पर कचरा प्रसंस्करण का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. इसके बाद इस पिट की घेराबंदी कर दी गयी और उंची दिवार का निर्माण किया गया. इसपर भी निगम की ओर से लाखों रुपये खर्च किये गये. इसके बाद भी इसका निर्माण आधा अधूरा पड़ा है. शेड नहीं है और सुविधा भी नहीं है.
प्रति माह 10 लाख रुपये दिये जा रहे हैं एजेंसी को
शहर में सफाई एजेंसी को सूखा व गीला कचरा अलग-अलग जमा करने और कचरा प्रसंस्करण पिट तक पहुंचाने के लिए निगम के द्वारा एजेंसी को अलग से राशि दी जा रही है. सामान्य सफाई से अलग यह राशि एजेंसी को दी जा रही है. प्रति माह डोर टू डोर सूखा व गीला कचरा संग्रह के लिए एजेंसी को 10 लाख रुपये दिये जा रहे हैं. कचरा प्रसंस्करण योजना के तहत ही अलग अलग कचरा संग्रहण कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
कचरा प्रसंस्करण पर काफी खर्च आ रहा था. इसे विभागीय स्तर पर संचालित किया जाएगा. इसके लिए शीघ्र ही काम शुरू कर दिया जाएगा.
-अनिल कुमार चौधरी, नगर निगम, आयुक्त