बिहार

पटना बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, दियारा के कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

Renuka Sahu
29 Aug 2022 2:05 AM GMT
The water level of Ganga rising in Patna, flood water entered many villages of Diara
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फाइल फोटो 

गंगा के जलस्तर में बढोतरी से पटना महानगर पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गंगा के जलस्तर में बढोतरी से पटना महानगर पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। हालांकि निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने से दियारा क्षेत्र में लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। कई गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। गांवों के संपर्क पथ पर पानी आ गया है। मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने लगे हैं।

हालांकि, प्रशासन की ओर से गांव के लोगों के लिए नाव की व्यवस्था नहीं की गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांधीघाट में जब नदी का जलस्तर 50 मीटर से अधिक होता है तो बाढ़ की स्थिति होने लगती है। सोमवार को जलस्तर को देखने के बाद प्रशासन दियारा या बाढ़ प्रभावित इलाके में व्यवस्था करेगा।
मानस गांव के धर्मेंद्र कुमार रविवार को घर का जरूरी सामान लेने पटना आए थे। परिवार में कुल आठ सदस्य हैं। रोजमर्रा की वस्तुएं गांव में नहीं मिल रही है इसीलिए 10 रुपये नाव का किराया देकर लगभग रोज पटना आते हैं। उनका कहना है कि हमलोग को किसी तरह गांव में रह लेंगे लेकिन सबसे परेशानी पशुओं की है। चारे की व्यवस्था नहीं है। छितरचक के मीना देवी कहती है पटना में एक रिश्तेदार के घर बच्चों को भेज दी हूं।
नकटा दियारा के संजय कुमार ने बताया कि गांव की सड़कों पर पानी आ गया है लेकिन जहां ऊंचा स्थान है वहां अभी पानी नहीं आया है। नाव चालक मुन्ना का कहना है कि प्रत्येक दिन वह औसतन पांच सौ लोगों को दियारा के विभिन्न गांवों से लेकर पटना आता है। आपदा प्रबंधन के एडीएम संतोष कुमार झा का कहना है कि नदी का गांधीघाट पर जब जलस्तर 50 मीटर से अधिक होता है तो बाढ़ की स्थिति हो जाती है। दियारा के पशुपालक पशुओं को लेकर अपने खटाल को छोड़ने लगे है। गंगा पथ पर करीब दो सौ से अधिक भैंसों को लेकर सोनपुर की ओर जाने लगे है। पशुपालक गौतम कुमार का कहना है कि यहां चारा की कमी है। खटाल डूब गया है। इस कारण जब तक पानी नहीं हटेगा तब तक वहीं रहेंगे। वहीं गोरख राय, भगवान, श्रवण व कुष्ण चौधरी का कहना है कि हर साल दियारा में बाढ़ आने से परेशान हो जाते है।
वहीं दानापुर के दियारा क्षेत्र के हेतनपुर, बिशुनपुर, कासिमचक काफरपुर, नवदियरी, मानस, गंगहारा और मानस समेत अन्य गांवों के आसपास पहुंच गया है। पुरानी पानापुर घाट से कासिमचक, मानस, अकीलपुर जाने वाले मार्ग में निचली जगहों पर पानी बहने लगा है। सहायक अभियंता अशफाक आलम ने बताया कि देवनिया नाले में जलस्तर 167.9 फीट है और खतरे का निशान 168 फीट है।
अथमलगोला में बाढ़ के पानी में डूबा किसान शनिवार की देर शाम खेत के रास्ते पैदल जा रहे रामनगर दियारे के किसान रंजय सिंह उर्फ कारू सिंह (45) का पैर फिसल जाने से वह गहरे पानी में डूब गया। रविवार देर शाम शव को ढूढ़ लिया गया। गौरतलब है कि शनिवार की सुबह में बाढ़ के पानी में चार वर्षीय मासूम पवन की डूबने से मौत हो थी। जलस्तर में वृद्धि ने रामनगर दियारा सहित अन्य तटीय क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
बिंदटोली में घुसा पानी
दीघा के बिंदटोली गांव में बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया है। करीब दो दर्जनों घरों में पानी है। ऐसे लोगों ने घर छोड़ दूसरे जगहों पर पलायन कर गए है। कुछ लोग किराया के मकान में चले गए हैं। तो कुछ लोग गंगा पथ पर तिरपाल लगाकर आशियाना बनना लगे है। इससे अन्य लोगों के अंदर भय बना हुआ है। ऐसे लोग अपने छप्पड़ व झोपड़ी को हटाना शुरू कर दिए है। पूरी झोपड़ी को उजार दिए है।
रास्ता बंद, नाव चलना शुरू
बिंद टोली के तीन तरफ से पानी से घिर गया है। दूसरे तरफ गंगा पथ वे है। जो काफी अधिक उंचाई पर है। इससे लोगों को गांव से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। गांव के लोगों का रास्ता बंद हो गया है। लेकिन गांव के लोगों के लिए एक सरकारी नाव चलाना शुरू कर दिया गया है। इसी लोगों का आना-जाना लगा हुआ है।
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