रोहतास न्यूज़: नगर निगम की सफाई व्यवस्था चरमराने वाली है. सफाई में कार्यरत एजेंसी सीबीएस का कार्यकाल समाप्त हो गया. एजेंसी के कार्यकाल में भी 86 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी सफाई व्यवस्था बद से बदतर थी. वहीं कार्यकाल समाप्त होने के बाद व्यवस्था और चरमराने वाली है. जिसे देख वार्ड पार्षदों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. सफाई के मुद्दे पर चुनाव जीते वार्ड पार्षद एक तो पहले से ही परेशान थे. सफाई को लेकर वार्डवासी उनके घरों पर जाकर आक्रोश जताते थे. ऐसे में दूसरी तरफ सफाई कार्य बंद होने से वार्ड पार्षदों को वार्डवासियों का कोपभाजन का शिकार होना पड़ेगा.
मालूम हो कि सफाई में लगी एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. वहीं सीबीएस द्वारा नगर निगम को पत्र देकर भी 30 अप्रैल के बाद सफाई कार्य करने में असमर्थता जताई है. दूसरी तरफ सफाई एजेंसी का भी चयन नहीं हो पाया है और न ही नगर निगम के पास इतने संसाधन हैं कि वे अपने स्तर से शहर की सफाई करा सके.
बता दें कि नगर निगम में सफाई कार्य के लिए दो सफाई एजेंसी पाथ्या व सीबीएस कार्यरत थे. दोनों का कार्यकाल 15 फरवरी को समाप्त हो गया था. जिसके बाद पाथ्य का कार्यकाल 28 फरवरी व सीबीएस का कार्यकाल 31 मार्च तक बढ़ाया गया था. एक मार्च से पूरे शहर की सफाई की जिम्मेदारी सीबीएस को दी गई थी. इस दौरान नए सफाई एजेंसी का चयन करना था. 17 मार्च को नए एजेंसी के चयन के लिए निविदा खोली गई थी. जिसमें चार एनजीओ सीबीएस, नंदिनी, कृषि और एमएआईएम ने निविदा डाला था. लेकिन, तकनीकी कारणों से निविदा रद्द कर दिया गया था. जिस कारण सीबीएस का कार्यकाल फिर से 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था. लेकिन, नगर आयुक्त सत्यप्रकाश शर्मा का स्थानांतरण होने व नए नगर आयुक्त का डिजिटल हस्ताक्षर नहीं होने के कारण निविदा नहीं खोली गई है.